प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने सोमवार को एक बड़ा फैसला लिया। पैन कार्ड (PAN Card) से जुड़े पैन 2.0 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। इस परियोजना के तहत पुराने पैन कार्ड को अपग्रेड करते हुए नया क्यूआर कोड युक्त पैन कार्ड (PAN with QR Code) जारी किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद इस फैसले की जानकारी दी।
क्या है PAN 2.0 प्रोजेक्ट?
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि PAN 2.0 प्रोजेक्ट एक ई-गवर्नेंस पहल है, जिसका उद्देश्य पैन और टैन सेवाओं को अधिक सरल और सुरक्षित बनाना है। इस अपग्रेड का लक्ष्य टैक्सपेयर्स को बेहतर डिजिटल अनुभव प्रदान करना है। यह परियोजना पैन कार्ड के जरिए होने वाली सभी गतिविधियों को ऑनलाइन और डिजिटल सेवाओं से जोड़ने पर केंद्रित है।
नया पैन कैसे होगा अलग?
- क्यूआर कोड सुविधा: नए पैन कार्ड में क्यूआर कोड होगा, जो डिजिटल स्कैनिंग और त्वरित सत्यापन को आसान बनाएगा।
- डेटा सुरक्षा: कार्डधारक की जानकारी को अधिक सुरक्षित बनाने के उपाय किए जाएंगे।
- डिजिटल सेवाएं: टैक्सपेयर्स रजिस्ट्रेशन और अन्य संबंधित सेवाओं तक ऑनलाइन पहुंच पाएंगे।
- मुफ्त में उपलब्ध: यह नया पैन कार्ड टैक्सपेयर्स को मुफ्त में प्रदान किया जाएगा।
पैन कार्ड की वर्तमान स्थिति
फिलहाल, देश में पुराना पैन कार्ड इस्तेमाल किया जा रहा है, जो 1972 से लागू है। इनकम टैक्स अधिनियम, 1961 की धारा 139ए के तहत इसे जारी किया जाता है। अब तक 78 करोड़ से अधिक पैन कार्ड जारी किए जा चुके हैं, जो लगभग 98% भारतीय व्यक्तियों को कवर करते हैं। पैन नंबर एक 10 अंकों का अल्फान्यूमेरिक पहचान पत्र है, जिसका उपयोग आयकर विभाग वित्तीय लेन-देन पर निगरानी रखने के लिए करता है।
परियोजना की लागत और क्रियान्वयन
पैन 2.0 परियोजना पर 1,435 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है। इस नई पहल में मौजूदा पैन सिस्टम को अपग्रेड किया जाएगा, लेकिन कार्डधारकों को अपने पैन नंबर को बदलने की आवश्यकता नहीं होगी।
टैक्सपेयर्स के लिए लाभ
- टैक्सपेयर्स की पहचान सुनिश्चित करने का बेहतर साधन।
- पैन कार्ड से जुड़े फाइनेंशियल लेन-देन की पारदर्शिता में वृद्धि।
- पूरी तरह डिजिटल सेवाओं की पहुंच।
- मुफ्त में क्यूआर कोड युक्त पैन कार्ड।