हिंगोली, महाराष्ट्र: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, जो इन दिनों महाराष्ट्र के हिंगोली विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए आए थे, ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम का सामना किया। उनके हेलीकॉप्टर की जांच चुनाव आयोग के अधिकारियों द्वारा की गई। जैसे ही अमित शाह का हेलीकॉप्टर हिंगोली में लैंड हुआ, चुनाव आयोग के अधिकारियों ने तुरंत हेलीकॉप्टर और उनके बैग की जांच शुरू कर दी। इस कदम ने चुनावी प्रक्रिया में निष्पक्षता बनाए रखने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण पहलू जोड़ा।
अमित शाह ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, “आज, महाराष्ट्र के हिंगोली विधानसभा क्षेत्र में अपने चुनाव प्रचार के दौरान, मेरे हेलीकॉप्टर की जांच चुनाव आयोग के अधिकारियों द्वारा की गई। भाजपा हमेशा निष्पक्ष चुनाव और स्वस्थ चुनाव व्यवस्था में विश्वास करती है और माननीय चुनाव आयोग द्वारा बनाए गए सभी नियमों का पालन करती है।”
उन्होंने आगे कहा, “हम सभी को एक स्वस्थ चुनाव व्यवस्था में योगदान देना चाहिए और अपने कर्तव्यों को निभाना चाहिए ताकि भारत को दुनिया की सबसे मजबूत लोकतंत्र बना सके।”
इस घटना के संदर्भ में यह भी उल्लेखनीय है कि इससे पहले महाराष्ट्र में शिवसेना यूबीटी के नेता उद्धव ठाकरे और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता देवेंद्र फडणवीस का भी हेलीकॉप्टर चुनाव आयोग द्वारा चेक किया जा चुका था। चुनाव आयोग की यह पहल चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की जा रही है।
उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बैग की जांच पर विवाद
यह घटनाक्रम तब हुआ है जब शिवसेना (UBT) के नेता उद्धव ठाकरे के बैग की जांच को लेकर विवाद उठ चुका था। हाल ही में, सुप्रिया सुले, जो एनसीपी-एसपी गठबंधन से हैं, ने ठाकरे के बैग की दो बार जांच किए जाने की आलोचना करते हुए इसे “गंदा राजनीति” करार दिया। उनका आरोप था कि सत्ता में बैठे नेताओं के बैग की इस तरह जांच नहीं की गई, जबकि विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया गया।
वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का बैग भी बुधवार को पालघर पुलिस ग्राउंड हेलिपैड पर जांचा गया था। शिंदे विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए पालघर पहुंचे थे, और चुनाव आयोग के अधिकारियों ने सुरक्षा कारणों से उनके बैग और हेलीकॉप्टर की जांच की थी।
चुनाव आयोग का निर्देश
चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी नेताओं के हेलीकॉप्टर की जांच करने का आदेश दिया था, ताकि चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार के अनुचित प्रभाव या सत्ता के दुरुपयोग को रोका जा सके। चुनाव आयोग का यह कदम चुनावी प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस प्रकार, यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि चुनावी प्रक्रिया में कोई भी भ्रष्टाचार या पक्षपाती प्रभाव न पड़े।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार में तेज़ी
महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों के लिए चुनावी प्रचार अब तेज़ हो चुका है। सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी महा विकास आघाड़ी (MVA) दोनों ही चुनावी मैदान में सक्रिय रूप से मतदाताओं को लुभाने के प्रयास कर रहे हैं। अब तक कई प्रमुख नेताओं के हेलीकॉप्टर की जांच की जा चुकी है और चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ संचालित करने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया है।
वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी, और तब तक चुनावी प्रचार पूरे जोश-खरोश के साथ जारी रहेगा।