पिलानी में 9 दिवसीय श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आज भव्य कलश यात्रा के साथ शुभारम्भ हुआ। कलश यात्रा में सैंकड़ों धर्मानुरागी महिलाओं ने हिस्सा लिया। मुख्य बाजार स्थित श्री गोपीनाथ मन्दिर से प्रारम्भ हुई कलश यात्रा निहाली चौक, बड़ चौक, चांडक मार्ग, डॉ. गोकुल डिस्पेंसरी से होती हुई कथा आयोजन स्थल श्याम मन्दिर पहुंची। ढोल-नगाड़ों की धुन और भागवत भक्ति के भजनों की सुमधुर तानों के बीच जब कलश यात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरी तब माहौल भक्तिमय हो गया।
श्याम मन्दिर में पंचदेव उदासीन आश्रम ऐलनाबाद के संस्थापक ब्रह्मलीन तपस्वी बाबा विश्वमुनि जी महाराज की स्मृति में हो रहे इस धार्मिक आयोजन में महंत भरत मुनि महाराज ने अपने प्रवचनों में उपस्थित श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत पुराण की जानकारी देते हुए कहा कि श्रीमद्भगवत कथा का श्रवण करने से मानव जीवन में एक जन्म नहीं अपितु हमारे कई जन्मों के पापों का नाश होने के साथ ही हमारे शुभ कर्मों का उदय होता है। कथा सुनने मात्र से जीव जन्म और मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है। इससे पहले आज प्रमुख यजमान भोलाराम सैनी द्वारा श्रीमद भागवत का पूजन किया गया।
भागवत के सभी प्रसंगों की व्याख्या करेंगे भरत मुनि
9 दिसंबर तक चलने वाले इस धार्मिक आयोजन में कथा के दौरान भरत मुनि उदासीन महाराज श्रीमद कथा महात्म्य के अलावा परीक्षित जन्म, भीष्म स्तुति, शुकदेव जी प्राकट्य, चतु: श्लोकी भागवत, वराह अवतार, कपिल देवहुति संवाद, ध्रुव चरित्र, वामन अवतार, श्री कृष्ण जन्मोत्सव, कालिया मर्दन, गोवर्धन धारण, महारास, कंस वध, रुक्मणि विवाह, सुदामा चरित्र, नव योगेश्वर संवाद, दत्तात्रेय के 24 गुरुओं की कथा, शुकदेव जी की विदाई सहित भागवत के अन्य प्रसंगों की व्याख्या करेंगे।
ये रहे मौजूद
कलश यात्रा और श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के शुभारंभ के अवसर पर आज पवन शर्मा, भोला राम सैनी, नरेश भोमिया, बाबूलाल मिश्रा, राकेश चोटिया, विष्णु पाण्डे, देवेन्द्र सिंह शेखावत, शीशराम, अरुण भोमिया, सुधीर पाण्डे, ताराचन्द चोटिया, राजकुमार केडिया, किशन स्वामी, आशीष सैनी, महेंद्र टेलर, मुकेश रूथला, भगवती प्रसाद सैनी, राधेश्याम जांगिड़, श्यामसुंदर शर्मा, शुभम वर्मा, कुलदीप गहलोत, विकास पाण्डे, गोविन्द पाण्डे, दीपक सोनी, सुनील जांगिड़, विकास कुमावत, पंकज भोमिया, अभिषेक आरएसएस, मुकेश भोमिया, अशोक सेन मयंक हलवाई, बंटी मित्तल, बिट्टू शर्मा, आर्यन नोवाल सहित गोपीनाथ मंदिर संघ व गुरू सेवक संघ के कार्यकर्त्ता तथा बड़ी संख्या में महिला-पुरुष श्रद्धालु उपस्थित रहे।
बहुत ही सुंदर वर्णन किया गया है।
धन्यवाद!