नई दिल्ली: हाल ही में, एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा के अंदर ‘जय फिलिस्तीन’ का नारा लगाया, जिससे देश-विदेश में राजनीतिक हलचल मच गई है। उनके इस कदम से न केवल भारत में विवाद उत्पन्न हुआ, बल्कि उनके खिलाफ शिकायत भी दर्ज की गई है।
इजरायल के पूर्व राजदूत डेनियल कार्मोन का बड़ा दावा
इस विवाद के बीच, भारत में इजरायल के पूर्व राजदूत डेनियल कार्मोन ने इजरायली मीडिया को दिए गए एक इंटरव्यू में दावा किया है कि भारत ने हमास के साथ चल रहे युद्ध में इजरायल की बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद देकर मदद की है। कार्मोन ने कहा, “भारतीयों ने हमें याद दिलाया है कि करगिल युद्ध के दौरान इजरायल भारत के साथ खड़ा था। दरअसल, इजरायल उन देशों में से एक था जो उस दौरान भारत के साथ खुलकर सामने आए थे और हथियार मुहैया कराए थे। भारतीय इसे नहीं भूलते हैं और संभवतः वे इसका एहसान चुका रहे हैं।”
तारीफ और विवाद की लहर
कार्मोन के इस दावे पर जहां एक ओर भारत और इजरायल की दोस्ती की तारीफ हो रही है, वहीं दूसरी ओर विवाद भी बढ़ गया है। आलोचकों का कहना है कि भारत युद्ध अपराध के दोषी इजरायल को हथियार कैसे मुहैया करा सकता है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब इजरायल-हमास युद्ध के बीच भारत की इस मदद की चर्चा हुई है।
स्पेन के विदेश मंत्री का समर्थन
डेनियल कार्मोन के दावे को और बल मिला जब स्पेन के विदेश मंत्री ने भी इसी तरह का दावा किया। उन्होंने कहा कि चेन्नई से 27 टन विस्फोटक से भरा एक जहाज इजरायल जा रहा था, जिसे स्पेन ने अपने बंदरगाह पर रोकने की इजाजत नहीं दी। स्पेन के विदेश मंत्री ने कहा, “मिडिल ईस्ट को शांति की जरूरत है न कि हथियार की।”