लखनऊ, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश सरकार ने उपचुनाव से ठीक पहले महत्वपूर्ण प्रशासनिक फेरबदल करते हुए दस वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले का आदेश जारी किया है। इन बदलावों से प्रशासनिक गलियारों में हलचल मची हुई है। खास बात यह है कि इस ट्रांसफर सूची में कई उच्च पदों पर तैनाती और प्रभार में परिवर्तन किए गए हैं, जिससे सरकार की तेज निर्णय लेने और कुशल प्रशासनिक संचालन की मंशा साफ झलकती है।
प्रमुख पदों पर हुई नियुक्तियां
इस फेरबदल में राजशेखर को उत्तर प्रदेश जल निगम के प्रबंध निदेशक के पद पर तैनात किया गया है। दूसरी ओर, अनिल गर्ग को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के स्टेट नोडल ऑफिसर और उत्तर प्रदेश भूमि सुधार निगम के प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। अनिल कुमार को वर्तमान पद के साथ प्रमुख सचिव वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वहीं, रवि रंजन को यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के पद पर बने रहने का निर्देश दिया गया है।
इस सूची में सानिया छाबड़ा को उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम का प्रबंध निदेशक और प्रणता ऐश्वर्या को यूपी एग्रो की जिम्मेदारी दी गई है। इन नियुक्तियों से साफ है कि सरकार राज्य में विकास योजनाओं को गति देने के उद्देश्य से युवा और उत्साही अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंप रही है।
मनोज कुमार सिंह प्रतीक्षारत, प्रभाष कुमार को नई जिम्मेदारी
इस तबादले में अपर मुख्य सचिव वन मनोज कुमार सिंह को प्रतीक्षारत किया गया है, जो कि एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि रिटायरमेंट से पहले उन्हें प्रतीक्षारत करने के पीछे उनके कामकाज की समीक्षा एक मुख्य वजह है। दूसरी ओर, प्रभाष कुमार को नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के साथ-साथ संयुक्त प्रबंध निदेशक जल निगम (ग्रामीण) का प्रभार सौंपा गया है, जिससे जल संसाधन के प्रबंधन में सुधार लाने की मंशा स्पष्ट होती है।
महिला आयोग को मिला नया सचिव
सरकार ने डॉ. कंचन सरन को राज्य महिला आयोग का सचिव बनाया है। इससे पहले वह अपर आयुक्त के रूप में सेवाएं दे रही थीं। इसके अलावा, विशेष सचिव उदय भानु त्रिपाठी को नगर विकास विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जहां वह पहले आवास एवं शहरी नियोजन विभाग में तैनात थे। इन नियुक्तियों से स्पष्ट होता है कि सरकार महिला सशक्तिकरण और नगर विकास को लेकर सजग है और इन क्षेत्रों में अनुभवी अधिकारियों को तैनात कर रही है।
सरकारी सूत्रों का दावा: निर्णय सोच-समझकर लिए गए
सरकारी सूत्रों का कहना है कि ये तबादले बिना किसी राजनीति दबाव के, राज्य की भलाई और विकास के दृष्टिकोण से किए गए हैं। इन बदलावों से स्पष्ट होता है कि सरकार प्रशासनिक सुधार के माध्यम से अपने लक्ष्यों को हासिल करना चाहती है। मनोज कुमार सिंह को प्रतीक्षारत करने के निर्णय को लेकर कहा जा रहा है कि उनके कार्यों की समीक्षा के मद्देनज़र यह कदम उठाया गया है। इसके अलावा, नए अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपते हुए यह संकेत दिया गया है कि सरकार कार्यक्षमता और परिणामों पर जोर दे रही है।