उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक आस्था के महापर्व छठ पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा किए गए बधाई संदेश में मुख्यमंत्री ने छठ पर्व की महत्ता का उल्लेख करते हुए कहा कि यह पर्व लोक आस्था का प्रमुख प्रतीक है। संदेश में आगे कहा गया कि छठ पर्व आत्मिक शुद्धि और निर्मल मन से भगवान सूर्य के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है, जिसमें अस्ताचल और उदीयमान सूर्य की उपासना की जाती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर संदेश देते हुए कहा, “छठ पर्व हमारी सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की समृद्ध परम्परा का हिस्सा है। यह पर्व प्रकृति और मानव के बीच जुड़ाव का संदेश देता है और हमारी पारंपरिक आस्थाओं को जीवंत करता है।” उन्होंने यह भी कहा कि छठ का पर्व समाज में पारिवारिक एवं सामाजिक समृद्धि का प्रतीक है, जो समाज को एकता और आपसी सहयोग की भावना से जोड़ता है।
छठ पर्व की महत्ता और परंपरा
छठ पर्व बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित अन्य कई क्षेत्रों में विशेष उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस पर्व में श्रद्धालु सूर्य देव की उपासना कर उनकी कृपा प्राप्त करने की कामना करते हैं। सूर्य देवता को नमन करने के लिए लोग नदी, तालाबों और अन्य जलस्रोतों के पास एकत्र होते हैं और जल में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में व्रतियों द्वारा कठोर नियमों का पालन किया जाता है, जो आत्मसंयम और अनुशासन का प्रतीक है।
इस पर्व के दौरान श्रद्धालु निर्जला उपवास रखते हैं और अंतिम दिन उदयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद अपना व्रत तोड़ते हैं। इस दौरान विशेष प्रकार का प्रसाद भी तैयार किया जाता है, जिसमें ठेकुआ, खजूर, गन्ना, केला, अदरक, नारियल आदि का विशेष स्थान होता है। यह पर्व न केवल आध्यात्मिक बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह प्रकृति के साथ संतुलन और सामंजस्य का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री के संदेश का प्रभाव
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए इस संदेश को प्रदेश में व्यापक स्तर पर सराहा जा रहा है। समाज के विभिन्न वर्गों ने उनके इस संदेश की सराहना की है, जिसमें लोक आस्था और सांस्कृतिक समृद्धि का जिक्र किया गया है। उनके इस संदेश से प्रदेश के लोगों में छठ पर्व के प्रति एक विशेष उत्साह उत्पन्न हुआ है, जो उनकी संस्कृति और आस्थाओं को एक नई दिशा प्रदान करता है।