अमेरिका: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक तीखा बयान जारी करते हुए स्पष्ट किया कि ईरान से किसी भी प्रकार का तेल या पेट्रोकैमिकल्स उत्पाद खरीदना अब गंभीर परिणामों को जन्म देगा। ट्रंप ने कहा कि जो देश या व्यक्ति ईरान से व्यापार करेंगे, उन्हें अमेरिका के साथ किसी भी प्रकार के व्यापारिक संबंध की अनुमति नहीं दी जाएगी।
यह चेतावनी ऐसे समय आई है जब ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर होने वाली अंतरराष्ट्रीय वार्ता का चौथा दौर स्थगित कर दिया गया है। यह वार्ता शनिवार को इटली की राजधानी रोम में प्रस्तावित थी। अब यह वार्ता अमेरिका के रुख पर निर्भर मानी जा रही है।

ईरान का आरोप: अमेरिका के विरोधाभासी बयानों से बिगड़े हालात
ईरान ने अमेरिका पर विरोधाभासी नीति और उकसावे भरे बयानों का आरोप लगाया है। वहीं, ओमान ने भी अमेरिका-ईरान के बीच प्रस्तावित वार्ता के स्थगित होने की पुष्टि की है। ओमान लंबे समय से दोनों देशों के बीच राजनयिक मध्यस्थ की भूमिका निभाता आया है।
तेल कंपनियों पर लगे प्रतिबंध, हाउती विद्रोहियों को लेकर भी चेतावनी
इस घटनाक्रम से एक दिन पहले बुधवार को अमेरिका ने ईरान की कई तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए थे। वहीं गुरुवार को अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने यमन के हाउती विद्रोही समूह को समर्थन देने के चलते ईरान को दुष्परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। अमेरिका का आरोप है कि ईरान हाउती विद्रोहियों को हथियार और फंडिंग मुहैया करा रहा है, जिससे क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ रही है।

भारत, जापान और दक्षिण कोरिया के साथ संभावित व्यापार समझौते: ट्रंप
इसी बीच ट्रंप ने एक टीवी साक्षात्कार में संकेत दिया कि अमेरिका जल्द ही भारत, जापान और दक्षिण कोरिया के साथ व्यापार समझौते कर सकता है। उन्होंने कहा,
“हमारे पास इन देशों के साथ संभावित समझौते हैं, लेकिन मुझे जल्दी नहीं है। अमेरिका को टैरिफ से लाभ मिल रहा है। उन्हें हमारी ज्यादा जरूरत है।”
इस बयान के जरिए ट्रंप ने यह स्पष्ट किया कि टैरिफ नीति को मजबूत समझौतों में बदलने की योजना उनके एजेंडे का हिस्सा है। ट्रंप का यह रुख अमेरिका की ‘प्रोटेक्शनिस्ट नीति’ को दोहराता है, जो उनकी पिछली प्रशासनिक रणनीतियों का भी मुख्य हिस्सा रही है।