वॉशिंगटन, अमेरिका: अमेरिका और ईरान के बीच तनाव एक बार फिर उफान पर है। अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने ईरान को स्पष्ट और कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि यमन के हूती विद्रोहियों को दी जा रही ईरानी सैन्य और रणनीतिक मदद की अमेरिका को पूरी जानकारी है, और इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

“अब चेतावनी नहीं, कार्रवाई होगी”: हेगसेथ
अपने बयान में हेगसेथ ने कहा,
“आपके द्वारा हूतियों को जो घातक समर्थन दिया जा रहा है, हमें उसकी पूरी जानकारी है। हम जानते हैं कि आप क्या कर रहे हैं। और आप भी अच्छी तरह जानते हैं कि अमेरिकी सेना क्या कर सकती है। आपको चेतावनी दी जा चुकी है। अब परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका यह खुद तय करेगा कि वह कब, कहां और कैसे जवाबी कार्रवाई करेगा।
लाल सागर में बढ़ते हमलों की पृष्ठभूमि
यह बयान ऐसे समय आया है जब लाल सागर क्षेत्र में हूती विद्रोहियों द्वारा व्यापारिक जहाजों पर हमले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। अमेरिका का आरोप है कि इन हमलों के पीछे सीधे तौर पर ईरान की भूमिका है, जो हूतियों को हथियार, खुफिया जानकारी और तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है।
हूती विद्रोहियों ने दावा किया है कि हालिया एयरस्ट्राइक अमेरिका ने की है, जिसमें यमन स्थित एक डिटेंशन सेंटर पर हमला किया गया, और 68 अफ्रीकी प्रवासियों की मौत हुई। अमेरिका ने इस पर सीधे टिप्पणी नहीं की, लेकिन जानकारों का मानना है कि यह ऑपरेशन हूतियों और उनके सहयोगियों पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा था।

ईरान के लिए निर्णायक समय
हेगसेथ का बयान स्पष्ट संकेत देता है कि अमेरिका अब केवल चेतावनी देने की मुद्रा में नहीं है, बल्कि सैन्य कार्रवाई की तैयारी कर चुका है। इससे पहले भी वॉशिंगटन कई बार तेहरान को आगाह कर चुका है कि वह क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने वाले समूहों का समर्थन बंद करे। लेकिन ईरान की नीतियों में कोई बड़ा परिवर्तन देखने को नहीं मिला।
विश्लेषकों का मानना है कि यदि ईरान ने अपनी रणनीति नहीं बदली, तो अमेरिका की प्रतिक्रिया अब किसी निर्णायक सैन्य हस्तक्षेप में बदल सकती है, जिसका असर न केवल पश्चिम एशिया पर, बल्कि वैश्विक भू-राजनीति पर भी पड़ेगा।