तेहरान, ईरान: पश्चिम एशिया में हालात और अधिक तनावपूर्ण हो गए हैं। बीते 24 घंटों के भीतर इजरायल ने दूसरी बार ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया है। इजरायली सेना ने दावा किया है कि उसने ईरान में 200 से अधिक स्थानों पर बमबारी की, जिसमें इस्फहान स्थित एक प्रमुख परमाणु केंद्र भी शामिल है। इसके साथ ही फोर्डो के परमाणु प्रतिष्ठान के समीप दो जोरदार विस्फोट की आवाजें भी सुनी गई हैं।

इजरायली हमलों में ईरान को भारी नुकसान पहुंचने की खबर है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इन हमलों में ईरान के करीब 25 से 30 शीर्ष सैन्य कमांडर और 6 परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हुई है। बताया गया है कि शुक्रवार सुबह तड़के हुए पहले हमले के बाद शनिवार को एक बार फिर इजरायल ने हवाई हमले किए, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और अधिक गहरा गया है।
ईरान ने इन हमलों के जवाब में इजरायल पर ड्रोन हमले की कोशिश की, लेकिन इजरायली सेना ने दावा किया कि उसने सभी ड्रोन को सीमा में प्रवेश करने से पहले ही मार गिराया। इजरायल के अनुसार यह जवाबी कार्रवाई उस खतरे को रोकने के लिए थी, जो ईरान की परमाणु क्षमता से उत्पन्न हो रहा था।
घटना के बाद यमन की ओर से भी इजरायल पर प्रोजेक्टाइल हमले किए गए हैं, जिससे क्षेत्रीय संघर्ष की आशंका और गहरी हो गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल के कदम को सही ठहराते हुए ईरान को सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि अभी कई और कार्रवाई बाकी है और यदि ईरान अपनी गतिविधियों से पीछे नहीं हटता तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
उधर, ईरान ने हमलों का बदला लेने की घोषणा करते हुए कहा है कि वह इजरायल की कार्रवाई को यूं ही नहीं छोड़ेगा। दोनों देशों की बयानबाजी और सैन्य कार्रवाई को देखते हुए यह आशंका जताई जा रही है कि जल्द ही यह टकराव व्यापक युद्ध का रूप ले सकता है, जिसका असर पूरे पश्चिम एशिया पर पड़ेगा।

वर्तमान हालातों को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें इस क्षेत्र पर टिकी हुई हैं। संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संगठन तनाव कम करने की अपील कर रहे हैं, लेकिन जमीन पर हालात युद्ध जैसे बनते जा रहे हैं।