असम: असम में बाल विवाह के खिलाफ जारी अभियान के तहत राज्य सरकार ने सख्त कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में असम पुलिस ने बीती रात तीसरे चरण के अभियान के दौरान 416 लोगों को गिरफ्तार किया और 335 मामले दर्ज किए। गिरफ्तार किए गए आरोपियों को आज अदालत में पेश किया जाएगा। यह अभियान असम सरकार की बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को समाप्त करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस अवसर पर अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “असम बाल विवाह के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखे हुए है। हम इस सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए साहसिक कदम उठाते रहेंगे।” उन्होंने कहा कि यह अभियान असम के विकास और समाज की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और राज्य सरकार इसका डटकर विरोध करेगी।
बाल विवाह और घुसपैठ के खिलाफ सख्त उपाय
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य सरकार के अन्य विकासात्मक कदमों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि असम सरकार असम के लोगों की पहचान को बनाए रखने के लिए अथक प्रयास कर रही है और घुसपैठियों के प्रभाव को सीमित करने के लिए परिसीमन की दिशा में काम कर रही है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने 10,000 हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त भी कराया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार का मुख्य उद्देश्य राज्य के मूल निवासियों के अधिकारों की रक्षा करना है और असम आंदोलन की भावना को जीवित रखना है। उन्होंने असम आंदोलन के पहले शहीद खड़गेश्वर तालुकदार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके बलिदान ने पूरे राज्य और देश को झकझोर दिया था। खड़गेश्वर तालुकदार के साथ 800 से अधिक अन्य शहीदों ने असम के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
असम सरकार की प्रतिबद्धता
हिमंत बिस्वा सरमा ने इस अवसर पर राज्य के लोगों से अपील की कि वे असम के विकास और सुरक्षा के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करें। उन्होंने यह भी कहा कि असम सरकार आगामी दिनों में और भी ठोस कदम उठाएगी, ताकि असम में बाल विवाह जैसी बुराई को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके।
इससे पहले 10 दिसंबर को सोनितपुर जिले के जमुरीहाट में भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा आयोजित स्वाहिद दिवस समारोह में भी मुख्यमंत्री सरमा ने असम आंदोलन में भाग लेने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि राज्य सरकार मूल निवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।