अयोध्या, उत्तर प्रदेश: अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि में निर्माणाधीन भव्य राम मंदिर के प्रथम तल में राम दरबार की भव्य मूर्तियों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, जो दिसंबर माह तक पूर्ण हो जाएगा। साथ ही मंदिर परिसर में परकोटे के छह देवालयों एवं सप्त ऋषियों के मंदिर में स्थापित की जाने वाली मूर्तियों का निर्माण भी इसी समय सीमा तक पूरा होने की संभावना है। यह जानकारी राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने निर्माण समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से साझा की। मिश्र ने बताया कि इन मूर्तियों का निर्माण जयपुर में हो रहा है और स्थापना रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के निर्देशन में होगी। आगे की योजना का निर्धारण न्यास द्वारा ही किया जाएगा।
गर्भगृह की अतिरिक्त मूर्तियों का समायोजन मंदिर परिसर में किया जाएगा
मिश्र ने जानकारी दी कि रामलला की दो अन्य मूर्तियों को भी मंदिर परिसर में श्रद्धा और आदर के साथ स्थापित किया जाएगा। इन मूर्तियों का निर्माण गर्भगृह के लिए हुआ था, परंतु मुख्य मूर्ति के चयन के दौरान ये दोनों मूर्तियां गर्भगृह में स्थापित नहीं की जा सकीं। इन मूर्तियों को परिसर के अन्य हिस्सों में उपयुक्त स्थान पर समायोजित किया जाएगा।
निर्माण में श्रमिकों की कमी से विलंब, समग्र कार्य 2025 के अंत तक पूरा होने का अनुमान
निर्माण कार्य में हो रही देरी पर मिश्र ने स्पष्टीकरण दिया कि निर्धारित कार्यक्रम में विलंब श्रमिकों की कमी के कारण हुआ है, जबकि सामग्री की आपूर्ति सुचारु रूप से होती रही है। निर्माण समिति का मानना है कि इस कमी के कारण समग्र निर्माण कार्य में अतिरिक्त तीन माह का समय लग सकता है, जिससे यह कार्य जून 2025 के स्थान पर 2025 के अंत तक पूर्ण होने की संभावना है।
राम मंदिर परिसर में तीन किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण, हरीतिमा संवर्धन के प्रयास जारी
मंदिर निर्माण कार्य से जुड़े विभिन्न आस्था प्रकल्पों को जोड़ने के लिए निर्माण कंपनी एलएंडटी द्वारा तीन किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जा रही है। इसमें से एक किलोमीटर सड़क का निर्माण पूरा हो चुका है, और शेष कार्य अगले कुछ महीनों में पूर्ण होने की योजना है। परिसर की हरीतिमा बढ़ाने के लिए जीएमआर कंपनी भी जुटी है, जिसका प्रयास कुबेर टीला का सौंदर्यीकरण है। इस दिशा में परिसर के अन्य प्रकल्पों का भी संवर्धन किया जा रहा है।
श्रद्धालुओं के लिए दर्शन पथ पर खुले हैंगर, गुनगुनी धूप का आनंद मिलेगा
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दर्शनार्थियों की सुविधा के दृष्टिगत दर्शन पथ पर लगे जर्मन हैंगर को हटाने का निर्णय लिया है, जिससे अब श्रद्धालु गुनगुनी धूप का आनंद ले सकेंगे। ट्रस्टी डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि ठंड के मौसम में भी श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए दर्शन पथ पर आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं, जिससे ठंड में भी आवक बनी रहे।
20 नवंबर से रजाई ओढ़ने लगेंगे रामलला, ठंडी सामग्री भोग में नहीं रहेगी शामिल
राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि अगहन मास की पंचमी तिथि को 20 नवंबर से रामलला को ठंड से बचाने के लिए रजाई ओढ़ाई जाएगी। ठंड बढ़ने के साथ प्रभु के भोग में भी बदलाव किया जाएगा, और ठंडी सामग्री को हटाकर गर्म पदार्थ शामिल किए जाएंगे। ठंड में वृद्धि के साथ मंदिर परिसर में ब्लोअर भी लगाए जाएंगे। अर्चक ने बताया कि सर्दी के समय रामलला के वस्त्र एवं भोग में बदलाव परंपरा अनुसार होता है, जिससे ठंड का प्रभाव कम हो।