चिड़ावा, 29 अप्रैल 2025: चिड़ावा क्षेत्र में मजदूर वर्ग के अधिकारों और सम्मान को लेकर सामाजिक स्तर पर एक बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है। अम्बेडकर शिक्षा समिति आगामी 1 मई से एक व्यापक मजदूर जागृति अभियान की शुरुआत करने जा रही है, जिसका उद्देश्य मजदूर वर्ग को उनके सामाजिक अधिकारों, विशेष रूप से शिक्षा के अधिकार, के प्रति जागरूक करना है।

अभियान की मुख्य मांग: प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक निशुल्क व्यवस्था
समिति के संरक्षक रोहिताश मेहरानिया ने जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षा के बढ़ते व्यवसायीकरण के कारण मजदूर वर्ग के बच्चों को उच्च शिक्षा तक पहुंचना मुश्किल होता जा रहा है। आर्थिक तंगी के कारण कई परिवार अपने बच्चों को 10वीं या 12वीं के बाद पढ़ा नहीं पाते, जिससे वे भी मजदूरी के चक्र में फंस जाते हैं। यह स्थिति सामाजिक असमानता को और गहरा करती है।
मेहरानिया ने स्पष्ट किया कि सरकार से मांग की जाएगी कि प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक की पढ़ाई पूरी तरह निशुल्क की जाए, ताकि मजदूर वर्ग के बच्चे भी डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक या अन्य उच्च पदों तक पहुंच सकें।
बस्तियों और ढाणियों में चलाया जाएगा जनजागरूकता अभियान
अभियान के तहत समिति के कार्यकर्ता चिड़ावा क्षेत्र की प्रमुख मजदूर बस्तियों जैसे:
- बाल्मीक बस्ती
- नायकान बस्ती
- धानुक बस्ती
- पुरानी बस्ती
- रविदास मंदिर क्षेत्र
- भगत कॉलोनी
- खटीकन बस्ती
- जुलाहा बस्ती
- मुख्य चौराहा क्षेत्र
- तथा आसपास की गांव-ढाणियों
में जाकर जनजागृति अभियान चलाएंगे। लोगों को शिक्षा के अधिकार, सरकार की जिम्मेदारी और अपने बच्चों के भविष्य के लिए संगठित होने की आवश्यकता पर समझाया जाएगा।

हस्ताक्षर अभियान और ज्ञापन सौंपने की तैयारी
इस जनजागरण अभियान के दौरान समिति द्वारा एक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जाएगा। हजारों लोगों से मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर करवाए जाएंगे, जिसमें निशुल्क शिक्षा की मांग प्रमुख रूप से दर्ज होगी। यह ज्ञापन 1 मई को उपखंड अधिकारी, चिड़ावा को सौंपा जाएगा।
मेहरानिया ने यह भी बताया कि इस ज्ञापन के माध्यम से सरकार को यह संदेश दिया जाएगा कि शिक्षा केवल अमीरों का अधिकार न बने, बल्कि गरीब और मजदूर तबका भी बराबरी से उसमें भागीदार हो।