अमेरिका: अमेरिका के कई विश्वविद्यालयों ने अपने अंतरराष्ट्रीय छात्रों, विशेष रूप से भारतीय छात्रों, को सलाह दी है कि वे अपनी छुट्टियों से लौटने की योजना राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 20 जनवरी के शपथ ग्रहण समारोह से पहले बना लें।यह सलाह अमेरिकी विश्वविद्यालयों के अंतरराष्ट्रीय छात्र कार्यालयों द्वारा यात्रा प्रतिबंधों और प्रवेश बिंदुओं पर बढ़ी हुई सुरक्षा जांच के मद्देनजर जारी की गई है। ट्रंप ने अपने कार्यकाल के पहले दिन आप्रवासन और अर्थव्यवस्था से संबंधित कई कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की है।
अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर प्रभाव
संयुक्त राज्य अमेरिका में सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से 54% भारतीय और चीनी छात्र हैं। हाल के वर्षों में, भारत ने अमेरिका में छात्र नामांकन के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है। 2023-24 के शैक्षणिक वर्ष में 3.3 लाख भारतीय छात्र अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पहुंचे, जबकि चीन से केवल 2.7 लाख छात्र ही पहुंचे।
हालांकि, चीन में 4% की गिरावट के बावजूद, यह स्नातक और गैर-डिग्री छात्रों का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है। अमेरिकी विदेश विभाग और इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन के आंकड़ों के अनुसार, चीन से 277,398 छात्र अमेरिका आए, जिसमें 87,551 स्नातक और 5,517 गैर-डिग्री कार्यक्रमों के छात्र शामिल हैं।
छात्रों को बढ़ती चिंताएँ और वित्तीय प्रभाव
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के अंतरराष्ट्रीय छात्र कार्यालय के एसोसिएट डीन और निदेशक डेविड एलवेल ने राष्ट्रपति चुनाव के बाद एक पोस्ट में बताया कि प्रशासन में बदलाव के समय अक्सर नीतियों और विनियमों में बदलाव होता है। इस संदर्भ में, कई छात्रों ने यात्रा योजनाओं को लेकर अपनी चिंताओं को साझा किया है।
यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स के एक छात्र ने बताया कि उन्हें अपनी यात्रा की तारीख को बदलने के लिए लगभग ₹35,000 का अतिरिक्त खर्च करना पड़ा। विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने पहले ही चेतावनी दी थी कि सुरक्षा जांच सख्त हो सकती है और प्रवेश बिंदुओं पर दस्तावेजों की गहन जांच हो सकती है।