अमेरिका: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने में एक महीने से भी कम का समय बचा है, और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस तथा रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच कड़ा मुकाबला जारी है। दोनों नेताओं को अपने-अपने समर्थकों का जोरदार समर्थन मिल रहा है, लेकिन इस बार एक खास पहलू ने चुनावी मैदान को और भी दिलचस्प बना दिया है। अरबपति और माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स, जिन्होंने सार्वजनिक रूप से किसी उम्मीदवार का समर्थन नहीं किया है, ने परोक्ष रूप से कमला हैरिस के पक्ष में एक बड़ा कदम उठाया है।
बिल गेट्स का अप्रत्यक्ष योगदान
बिल गेट्स ने कमला हैरिस का समर्थन करने वाले एक गैर-लाभकारी संगठन ‘फ्यूचर फॉरवर्ड’ को करीब 50 मिलियन डॉलर (पांच करोड़ डॉलर) का दान दिया है। यह दान सार्वजनिक रूप से उजागर नहीं हुआ है क्योंकि गेट्स ने डेमोक्रेटिक उम्मीदवार का खुलकर समर्थन नहीं किया है। एक प्रमुख मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गेट्स ने इस साल निजी बातचीत में अपने मित्रों और सहयोगियों के साथ डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने की संभावना को लेकर चिंता व्यक्त की है।
‘फ्यूचर फॉरवर्ड’ समूह की भूमिका
‘फ्यूचर फॉरवर्ड’ नामक समूह ने कमला हैरिस के समर्थन में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया है, और बिल गेट्स का आर्थिक सहयोग इसे और सशक्त बना रहा है। हालांकि, गेट्स ने सार्वजनिक रूप से किसी भी उम्मीदवार का समर्थन नहीं किया है, परंतु ट्रंप के संभावित पुन: निर्वाचन के प्रभाव को लेकर उनकी चिंताओं से संकेत मिलता है कि वह कमला हैरिस के प्रति अधिक सहानुभूति रखते हैं।
चुनाव का वैश्विक महत्व
बिल गेट्स के परोपकारी संगठन ‘बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन’ को आशंका है कि यदि डोनाल्ड ट्रंप पुनः राष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो परिवार नियोजन और वैश्विक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में कटौती हो सकती है। यह संगठन स्वास्थ्य सुधार, गरीबी उन्मूलन और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर काम करता है, जो गेट्स के अनुसार अमेरिकी और वैश्विक समाज के लिए महत्वपूर्ण हैं।
बिल गेट्स का दृष्टिकोण
बिल गेट्स ने चुनावों के बारे में कहा, “मैं उस उम्मीदवार का समर्थन करता हूं जो स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, गरीबी उन्मूलन और जलवायु परिवर्तन से लड़ने के प्रति प्रतिबद्धता दिखाता है। मैंने विभिन्न राजनीतिक नेताओं के साथ काम किया है, लेकिन इस चुनाव का महत्व कुछ अलग है। इसका प्रभाव न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ेगा।”