Saturday, April 12, 2025
Homeदेशअभिनेता मनोज कुमार का निधन: 87 वर्ष की उम्र में मुंबई में...

अभिनेता मनोज कुमार का निधन: 87 वर्ष की उम्र में मुंबई में ली अंतिम सांस

मुंबई: भारतीय सिनेमा के महान अभिनेता और फिल्मकार मनोज कुमार का 87 वर्ष की उम्र में शुक्रवार तड़के निधन हो गया। उन्होंने मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में सुबह करीब 3:30 बजे अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। देशभक्ति फिल्मों के कारण वे ‘भारत कुमार’ के नाम से मशहूर थे। उनके निधन की खबर से फिल्म इंडस्ट्री और प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई है।

शनिवार को होगा अंतिम संस्कार

मनोज कुमार का अंतिम संस्कार शनिवार, 5 अप्रैल को दोपहर 12 बजे मुंबई के विले पार्ले स्थित श्मशान घाट में किया जाएगा। परिवार ने यह निर्णय इसलिए लिया क्योंकि उनके कुछ परिजन विदेश में हैं, जो अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए लौट रहे हैं। फिलहाल, उनका पार्थिव शरीर कोकिलाबेन अस्पताल में रखा गया है। शनिवार सुबह इसे उनके जुहू स्थित निवास पर ले जाया जाएगा, जहां परिवार, दोस्त और प्रशंसक उन्हें अंतिम विदाई देंगे।

Advertisement's
Advertisement’s

फिल्मी करियर में देशभक्ति की मिसाल बने मनोज कुमार

मनोज कुमार ने अपने चार दशक लंबे फिल्मी करियर में कई यादगार फिल्में दीं। 1957 में फिल्म फैशन से अपने अभिनय की शुरुआत करने वाले मनोज कुमार ने 1965 में आई शहीद से देशभक्ति फिल्मों में अपनी अलग पहचान बनाई। इसके बाद उन्होंने उपकार, पूरब और पश्चिम, क्रांति, रोटी कपड़ा और मकान जैसी सुपरहिट फिल्मों में अभिनय किया। उनके अभिनय और निर्देशन से सजी फिल्में आज भी दर्शकों के दिलों में बसी हुई हैं।

प्रशंसकों और बॉलीवुड में शोक की लहर

मनोज कुमार के निधन से बॉलीवुड और उनके चाहने वाले बेहद दुखी हैं। सोशल मीडिया पर प्रशंसक उनके योगदान को याद करते हुए भावुक पोस्ट साझा कर रहे हैं। अभिनेता ने सहारा, चांद, हनीमून, नसीब, मेरी आवाज सुनो, नील कमल, पत्थर के सनम और पिया मिलन की आस जैसी यादगार फिल्मों में काम किया। उनके द्वारा अभिनीत फिल्म उपकार का गाना मेरे देश की धरती आज भी देशभक्ति की भावना से भर देता है।

पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मनोज कुमार के निधन पर गहरा शोक जताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा—
“महान अभिनेता और फिल्मकार मनोज कुमार के निधन से गहरा दुख हुआ। वे भारतीय सिनेमा के एक आइकन थे, जिन्हें खासतौर पर उनकी देशभक्ति से भरपूर फिल्मों के लिए याद किया जाएगा। उनकी फिल्मों ने राष्ट्रीय गौरव की भावना को मजबूत किया और वे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे। इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। ॐ शांति।”

अशोक पंडित और फिल्म इंडस्ट्री ने जताया शोक

फिल्ममेकर अशोक पंडित ने भी उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा—
“मनोज कुमार, दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड विजेता, हमारे प्रेरणास्रोत और भारतीय सिनेमा के शेर थे। उनका जाना फिल्म इंडस्ट्री के लिए अपूरणीय क्षति है। हम उन्हें हमेशा याद करेंगे।”

राजनीति में भी आजमाया हाथ

1995 में आई फिल्म मैदान-ए-जंग के बाद मनोज कुमार ने अभिनय से संन्यास ले लिया। 1999 में उन्होंने अपने बेटे कुणाल गोस्वामी को फिल्म जय हिंद में डायरेक्ट किया, हालांकि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं रही। फिल्मों से दूरी बनाने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और 2004 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए।

Advertisement's
Advertisement’s

देशभक्ति की भावना से भरपूर अभिनेता

24 जुलाई 1937 को पाकिस्तान के एबटाबाद में जन्मे मनोज कुमार का असली नाम हरिकृष्ण गिरी गोस्वामी था। भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय उनका परिवार दिल्ली आ गया था। बचपन से ही सिनेमा में रुचि रखने वाले मनोज कुमार ने दिलीप कुमार की फिल्म शबनम में उनके किरदार ‘मनोज कुमार’ से प्रभावित होकर अपना नाम बदल लिया।

- Advertisement -
समाचार झुन्झुनू 24 के व्हाट्सअप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें
- Advertisemen's -

Advertisement's

spot_img
previous arrow
next arrow
Shadow
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!

Chat Now

03:26