नई दिल्ली: मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ से सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग और चित्रकूट जेल में पत्नी से अवैध मुलाकात के मामलों में उन्हें जमानत दे दी है। जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस पंकज मिथल की बेंच ने अब्बास अंसारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने अंसारी को जांच में सहयोग करने का निर्देश भी दिया है। हालांकि, गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले में कोर्ट ने जमानत देने से इंकार कर दिया।
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मिली जमानत
अब्बास अंसारी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 9 मई 2023 को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद अंसारी ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। 14 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने अंसारी की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) को नोटिस जारी किया था, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत देने का फैसला किया।
चित्रकूट जेल में पत्नी से अवैध मुलाकात मामले में भी राहत
इसके अलावा, अब्बास अंसारी को चित्रकूट जेल में बंद रहने के दौरान पत्नी से गैरकानूनी तरीके से मुलाकात करने के मामले में भी जमानत मिल गई है। इस मामले में उन पर आरोप था कि जेल के नियमों का उल्लंघन करते हुए उन्होंने अपनी पत्नी से मुलाकात की थी, जिसे लेकर जांच चल रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इस मामले में भी जमानत देने का फैसला किया है।
गैंगस्टर एक्ट मामले में जमानत का इनकार
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया। इस मामले में अंसारी के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने निर्देश दिया कि गैंगस्टर एक्ट के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट को चार हफ्ते के भीतर अंसारी की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी करनी चाहिए।
गैंगस्टर एक्ट का मामला
अब्बास अंसारी के खिलाफ 4 नवंबर 2022 को गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में उन्हें फिलहाल कासगंज जेल में रखा गया है। कपिल सिब्बल ने अदालत में दलील दी कि अंसारी पिछले डेढ़ साल से जेल में हैं और उन्हें राहत मिलनी चाहिए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह दलील खारिज कर दी।