वॉशिंगटन/मॉस्को: पिछले साढ़े तीन वर्षों से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की संभावनाओं को बल तब मिला जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 में पुनः निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार देर रात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलिफोन पर दो घंटे लंबी बातचीत की। इस बातचीत में दोनों नेताओं ने युद्ध को समाप्त करने के संभावित रास्तों पर गंभीर चर्चा की।

पुतिन का रुख: “रूस शांति के लिए तैयार”
बातचीत के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने स्पष्ट किया कि रूस युद्ध को समाप्त करने के पक्ष में है, लेकिन इसके लिए समस्या की जड़ तक पहुंचना जरूरी है। पुतिन ने कहा,
“अमेरिकी राष्ट्रपति ने युद्धविराम पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। मैंने उन्हें बताया कि रूस यूक्रेनी संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए पूरी तरह तैयार है। हमें केवल शांति की ओर अग्रसर होने के लिए सबसे प्रभावी रास्तों की पहचान करनी है।”
पुतिन ने यह भी संकेत दिया कि रूस, यूक्रेन के साथ संभावित शांति समझौते के लिए तैयार है, बशर्ते यह दोनों पक्षों के हितों के अनुकूल हो।
ट्रंप का बयान: “बातचीत बहुत बढ़िया रही”
इस अहम बातचीत के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने मीडिया से बात करते हुए कहा,
“पुतिन के साथ बातचीत बेहद फायदेमंद रही। हम उम्मीद करते हैं कि रूस और यूक्रेन जल्द ही प्रत्यक्ष वार्ता शुरू करेंगे और इस अंतहीन युद्ध को समाप्त करेंगे।”
ट्रंप ने यह भी कहा कि युद्ध समाप्त होने के बाद रूस और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाई दी जा सकती है।
“यह रूस के लिए बिजनेस विस्तार और रोजगार सृजन का अवसर है। रूस, अमेरिका के साथ बड़े पैमाने पर व्यापार करना चाहता है और हम इस पर सहमत हैं।”

यूरोपीय नेताओं को दी जानकारी
बातचीत के तुरंत बाद ट्रंप ने इस पहल की जानकारी यूरोप के प्रमुख नेताओं को दी। उन्होंने जिन नेताओं से संपर्क किया, उनमें शामिल हैं:
- यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की
- इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी
- यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन
- जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़
- फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों
- फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब
ट्रंप ने सभी को बताया कि पुतिन के साथ बातचीत सकारात्मक रही है और यूक्रेन युद्ध शीघ्र समाप्त हो सकता है।
शांति वार्ता की उम्मीद फिर से जगी
रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत फरवरी 2022 में हुई थी और तब से यह संघर्ष वैश्विक स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। लाखों लोगों की जान गई, करोड़ों विस्थापित हुए और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भारी असर पड़ा। ऐसे में यह टेलीफोनिक वार्ता शांति की दिशा में एक निर्णायक कदम मानी जा रही है।