झुंझुनूं: शहर के पास निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-11 बाइपास की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। भीमसर गांव के पास इस बाइपास का एक हिस्सा हल्की बारिश के चलते धंस गया, जिससे पुलिया के आसपास की मिट्टी बह गई और सड़क की मजबूत नींव पर सवालिया निशान लग गए। हैरानी की बात यह है कि यह बाइपास अभी तक उद्घाटन से पहले की स्थिति में है और इसका उपयोग आमजन द्वारा नियमित रूप से शुरू भी नहीं किया गया है।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दिनों हुई हल्की बारिश के बाद ही पुलिया के आसपास की मिट्टी खिसकने लगी थी, जिसे नजरअंदाज कर दिया गया। बारिश के कारण सड़क के किनारे की मिट्टी बह जाने से सड़क का आधार कमजोर हो गया और इसका एक हिस्सा अचानक धंस गया। ग्रामीणों का कहना है कि यह हादसा बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता था, यदि यह मार्ग चालू अवस्था में होता।
यह बाइपास झुंझुनूं शहर को बिना अंदर से पार किए दिल्ली और जयपुर जैसे बड़े शहरों से जोड़ने के लिए तैयार किया जा रहा है। इसका उद्देश्य शहर के अंदरूनी ट्रैफिक को कम करना और राष्ट्रीय राजमार्ग पर सफर का समय घटाना है। लेकिन उद्घाटन से पहले ही सड़क का धंसना निर्माण एजेंसी की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
जानकारों के अनुसार यह मामला निर्माण सामग्री की गुणवत्ता, ड्रेनेज सिस्टम और मिट्टी की भराई में लापरवाही से जुड़ा हो सकता है। फिलहाल संबंधित विभाग की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन स्थानीय लोगों ने मामले की जांच और निर्माण कार्य की गुणवत्ता की स्वतंत्र एजेंसी से परीक्षण की मांग की है।
यह घटना जहां एक ओर निर्माण एजेंसियों की जवाबदेही पर सवाल उठाती है, वहीं प्रशासन के निरीक्षण तंत्र की गंभीरता को भी कटघरे में खड़ा करती है। यदि समय रहते ऐसी निर्माण त्रुटियों की पहचान और सुधार नहीं की गई तो भविष्य में यह बड़े हादसों को जन्म दे सकती हैं।