इजरायल/ईरान: मध्य पूर्व में तनाव का नया अध्याय उस समय शुरू हुआ जब इजरायल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ के तहत ईरान पर भीषण हमला कर दिया। इस हमले में इजरायली वायुसेना ने ईरान के प्रमुख परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए उन्हें पूरी तरह से तबाह कर दिया।
तेहरान के पास स्थित नतांज यूरेनियम संवर्धन केंद्र, जो ईरान के परमाणु कार्यक्रम का मुख्य आधार था, पूरी तरह नष्ट हो गया है। ईरान ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि यह वही साइट थी जहां उच्च-स्तरीय यूरेनियम संवर्धन किया जा रहा था, जो परमाणु हथियारों के निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम होता।
इजरायल ने न सिर्फ नतांज पर हमला किया बल्कि ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को भी गंभीर क्षति पहुंचाई। इस ऑपरेशन में ईरान के कई वरिष्ठ सैन्य कमांडर और प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं। तेहरान में कई इलाकों में धमाकों की गूंज सुनाई दी और राजधानी के ऊपर इजरायली लड़ाकू विमानों की मौजूदगी दर्ज की गई।

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि उनका देश यह खतरा अगली पीढ़ी के लिए नहीं छोड़ सकता। उन्होंने कहा, “तेहरान का शासन वर्षों से इजरायल के विनाश का आह्वान करता रहा है। हम ऐसा दोबारा नहीं होने देंगे। हमने नतांज में ईरान के परमाणु संवर्धन केंद्र पर हमला किया, वैज्ञानिकों को निशाना बनाया और बैलिस्टिक मिसाइल केंद्र को नष्ट किया।”
नेतन्याहू का बयान देखें
नेतन्याहू ने चेतावनी दी कि ईरान 10,000 मिसाइलें बनाने की योजना पर काम कर रहा था, जो इजरायल जैसे छोटे देश के लिए विनाशकारी हो सकता है। उन्होंने कहा कि आज का हमला इजरायल की सुरक्षा और उसके भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक अपरिहार्य कदम था।
इजरायली रक्षा बलों के प्रवक्ता एफी डेफरिन ने कहा कि ईरान की तरफ से इजरायल के खिलाफ लगातार खतरा बना हुआ था। उन्होंने कहा, “हमारा यह ऑपरेशन खुफिया जानकारी पर आधारित था, जिसमें संकेत मिले थे कि ईरान अब पहले से कहीं ज्यादा परमाणु बम के करीब है।”
IDF का बयान देखें
IDF प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एयाल जामिर ने कहा कि यह हमला इसलिए जरूरी हो गया था क्योंकि अब कोई वापसी का रास्ता नहीं था। उन्होंने कहा, “हम एक ऐसे ऐतिहासिक अभियान के बीच हैं जो हमारे अस्तित्व की रक्षा के लिए शुरू किया गया है। यह ऑपरेशन किसी और समय के लिए नहीं छोड़ा जा सकता था। हमारे पास विकल्प नहीं था।”
ऑपरेशन पर IDF की प्रतिक्रिया देखें
दूसरी ओर, ईरान ने हमले से हुए नुकसान की पुष्टि की है। ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख हुसैन सलामी की मौत की जानकारी ईरानी सरकारी टेलीविजन ने दी है। ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने भी इस हमले को ‘अपराध’ करार दिया और कहा कि ईरान इसका बदला जरूर लेगा।
खामेनेई ने कहा, “यहूदी शासन ने हमारे देश में एक घातक अपराध किया है। हमारे कई कमांडर और वैज्ञानिक इस बलिदान का हिस्सा बने हैं। यह शासन अब अपनी नियति से नहीं बच पाएगा।”
खामेनेई का ट्वीट देखें
ईरान के सैन्य प्रवक्ता जनरल शेकरची ने भी प्रतिक्रिया में कहा कि इजरायल और अमेरिका को इसका करारा जवाब मिलेगा। उन्होंने कहा कि ईरानी सेना जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार है और जल्द ही प्रतिक्रिया देगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला केवल ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष नहीं है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र में एक बड़े युद्ध की भूमिका बन सकता है। अमेरिका पहले ही कई बार कह चुका है कि वह किसी भी सूरत में ईरान को परमाणु बम हासिल नहीं करने देगा। डोनाल्ड ट्रंप ने भी स्पष्ट किया था कि ईरान को परमाणु बम बनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
उधर ईरान बार-बार कहता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है, लेकिन हाल के वर्षों में यूरेनियम संवर्धन की गति और परमाणु बम के करीब पहुंचने की जानकारी ने इजरायल की चिंता बढ़ा दी थी।
इससे पहले ईरान समर्थित हमास और हिज़बुल्लाह द्वारा 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हुए हमलों और 1 अक्टूबर 2024 को ईरान की तरफ से हुए मिसाइल हमले ने इस टकराव की नींव रख दी थी।
अब जबकि दोनों देश खुले युद्ध के कगार पर हैं, वैश्विक समुदाय की नजर इस बात पर है कि यह टकराव सीमित रहेगा या एक व्यापक संघर्ष में बदल जाएगा। मध्य पूर्व में हालात हर बीतते घंटे के साथ और अधिक तनावपूर्ण होते जा रहे हैं।