Tmc-कांग्रेस में टकराव: पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार (24 फरवरी) को सीट बंटवारे के मुद्दे पर एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा है. चौधरी ने कहा कि तृणमूल दुविधा में हैं.
तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी की ओर से आधिकारिक तौर पर हां या ना होनी चाहिए. वे आधिकारिक तौर पर यह नहीं कह रहे हैं कि गठबंधन बनाने की प्रक्रिया खत्म हो गई है. क्योंकि वे दुविधा में हैं.
इससे पहले शुक्रवार (23 फरवरी) को, कांग्रेस ने कहा कि पार्टी और टीएमसी के बीच सीट-बंटवारे की बातचीत पटरी पर आ गई है, क्योंकि टीएमसी ने शुरू में दावा किया था कि वह अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी. कांग्रेस ने हाल ही में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है.
‘तो अल्पसंख्यक करेंगे तृणमूल के खिलाफ मतदान’
अधीर चौधरी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के भीतर एक वर्ग का मानना है कि अगर पार्टी इंडिया गठबंधन के बिना अकेले चुनाव लड़ती है, तो पश्चिम बंगाल के अल्पसंख्यक उनके खिलाफ मतदान करेंगे. उन्होंने कहा कि तृणमूल का एक धड़ा चाहता है कि गठबंधन जारी रहे. एक और वर्ग इस दुविधा में है कि अगर बंगाल में गठबंधन को ज्यादा महत्व दिया गया तो मोदी सरकार उनके खिलाफ ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल करेगी. इन दोनों दुविधाओं के कारण टीएमसी कोई स्पष्ट निर्णय नहीं ले पा रही है.
‘हम अकेले लड़ेंगे’
वहीं, अधीर रंजन चौधरी के बयान पर टीएमसी ने पलटवार किया है. तृणमूल नेता कुणाल घोष ने कहा, “अधीर रंजन चौधरी भाजपा के एजेंट हैं. ममता बनर्जी ने कह दिया है कि टीएमसी कुल 42 की 42 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। यही हमारा स्टैंड है और यह हमारा घोषित स्टैंड है.”
तृणमूल सांसद शांतनु सेन ने कहा कि अधीर चौधरी को पहले अपना रुख साफ करना चाहिए. हर कोई जानता है कि पिछले कुछ सालों से वह बीजेपी विरोधी ताकत टीएमसी को बदनाम करने और बीजेपी को ऑक्सीजन देने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं.