पटना, बिहार: बिहार की राजनीति एक बार फिर लालू परिवार के आंतरिक विवाद के चलते सुर्खियों में है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की एक फेसबुक पोस्ट ने पूरे प्रदेश की सियासत को झकझोर कर रख दिया है। उक्त पोस्ट में यह दावा किया गया कि तेज प्रताप यादव पिछले 12 वर्षों से एक गुप्त वैवाहिक जीवन जी रहे हैं।
हालांकि कुछ ही देर में तेज प्रताप यादव की सफाई भी सामने आई, जिसमें उन्होंने कहा कि उनका फेसबुक अकाउंट हैक कर लिया गया था और उन्होंने ऐसी कोई पोस्ट नहीं की। लेकिन सोशल मीडिया पर इस खुलासे के बाद उठे विवाद ने गंभीर राजनीतिक मोड़ ले लिया।

लालू यादव ने तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से किया निष्कासित
इस कथित पोस्ट के बाद लालू यादव ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से बेदखल करने की घोषणा कर दी। यह निर्णय अचानक और सख्त था, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि लालू यादव इस विवाद को हल्के में लेने के मूड में नहीं हैं।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह कदम पार्टी की छवि को बचाने और बिहार में विपक्ष की भूमिका को बनाए रखने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है।
जदयू का हमला – तेजस्वी खुद करें भाई की सदस्यता खत्म
इधर सत्ता पक्ष जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने इस पूरे मामले में विपक्ष पर सीधा हमला बोला है। जदयू के एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि लालू यादव केवल दिखावा कर रहे हैं, और अगर राजद इस मामले को गंभीरता से ले रही है तो तेज प्रताप की विधायक सदस्यता भी समाप्त की जानी चाहिए।
नीरज कुमार ने कहा:
“अगर लालू यादव सच में कार्रवाई करना चाहते हैं, तो पार्टी से सिर्फ बेदखली नहीं, विधायक पद से भी हटाने की अनुशंसा करें। तेजस्वी यादव बताएं कि क्या वे अपने भाई को सदस्यता से हटाने का नैतिक साहस दिखाएंगे?”
संपत्ति के बंटवारे और ऐश्वर्या राय का जिक्र
नीरज कुमार ने लालू परिवार के पारिवारिक मसलों को भी सियासी मंच पर ला दिया। उन्होंने कहा कि लालू यादव को चाहिए कि वह अपनी संपत्ति का बंटवारा करें और ऐश्वर्या राय (तेज प्रताप की पूर्व पत्नी) को न्याय दिलाएं।
“यह मामला अब केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि नैतिक और पारिवारिक जिम्मेदारी का भी है।” – नीरज कुमार

तेज प्रताप के राजनीतिक भविष्य पर सवाल
लालू यादव की कार्रवाई के बाद अब तेज प्रताप यादव के राजनीतिक भविष्य को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
- क्या वे किसी नई पार्टी की घोषणा करेंगे?
- क्या वे किसी अन्य दल में शामिल होंगे?
- या फिर कुछ समय के लिए राजनीति से दूरी बना लेंगे?
फिलहाल तेज प्रताप यादव ने इस पूरे विवाद पर कोई औपचारिक बयान नहीं दिया है, जिससे सस्पेंस और भी बढ़ गया है।