सीवान, बिहार: असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा ने बिहार के सीवान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुसलमानों को आरक्षण देने के विचार का कड़ा विरोध किया। यह टिप्पणी तब आई जब राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव ने मुसलमानों को आरक्षण देने की मांग की थी। सीएम हिमंत ने इस मुद्दे पर स्पष्ट और सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि भारत में धर्म के आधार पर आरक्षण देना संभव नहीं है।
धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध
जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम हिमंत ने कहा, “अगर आप मुसलमानों को आरक्षण देना चाहते हैं तो पाकिस्तान जाएं और वहां आरक्षण दें। भारत में ऐसा कभी नहीं होगा।” उन्होंने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ने एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण की व्यवस्था की है, लेकिन इसमें धर्म के आधार पर आरक्षण की कोई जगह नहीं है।
कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के उदाहरण
सीएम हिमंत ने कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में मुसलमानों को आरक्षण देने के फैसलों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि इन राज्यों में मुसलमानों को आरक्षण देने के उपाय अन्य पिछड़े वर्गों के हक को छीनकर किये गये हैं। उन्होंने कहा, “कर्नाटक में पिछड़े वर्गों के आरक्षण को लूटने के बाद मुसलमानों को आरक्षण दिया गया।”
#WATCH | Bihar: Addressing a public rally in Siwan, Assam CM Himanta Biswa Sarma says, "Babasaheb Ambedkar gave us the constitution. In the constitution, it is mentioned that SC, ST and OBC should get the reservations. Now Lalu Yadav is saying that give reservations to Muslims…… pic.twitter.com/Of2XTLEN6h
— ANI (@ANI) May 18, 2024
कांग्रेस और राम मंदिर मुद्दा
अपने भाषण में CM हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस पार्टी और उनके नेताओं पर भी तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि नाना पटोले ने बयान दिया है कि अगर कांग्रेस की सरकार आएगी तो राम मंदिर का दोबारा शुद्धिकरण किया जाएगा। इस पर उन्होंने कहा, “हमें पहले बताइए कि सोनिया गांधी हिंदू हैं या ईसाई? ये कांग्रेस पार्टी अभी भी राम मंदिर के पीछे पड़ी हुई है। लालू यादव अभी भी राम मंदिर के पीछे हैं और उनका मन है कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो वे दोबारा रामलला को टेंट में ले आएंगे।”
विवाद की प्रतिक्रिया
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। आरक्षण के मुद्दे पर उनके तीखे रुख ने कई नेताओं को प्रतिक्रियाएं देने पर मजबूर कर दिया है। जहां एक तरफ समर्थक उनके बयान का समर्थन कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने उनकी टिप्पणियों की कड़ी आलोचना की है।