राजस्थान में मंत्रियों का बंटवारा सीएम भजनलाल शर्मा के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। विस्तार के तीन दिन बाद भी बंटवारा नहीं हो पाया। माना जा रहा है कि कार्मिक, वित्त औऱ गृह विभाग को लेकर पेच फंसा हुआ है। तीनों विभाग सीएम अपने पास रखना चाहते है। जबकि डिप्टी सीएम दीया कुमारी वित्त या गृह विभाग के लिए अड़ी हुई है। हालांकि, खुलकर बात सामने नहीं आई है। बता दें राजस्थान में बहुमत मिलने के बाद 27 दिन बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ था। ऐसे में माना जा रहा है कि मंत्रियों के विभाग का बंटवारा होने में समय लग सकता है। क्योंकि पार्टी का एक धड़ा चाहता है कि सीएम के पास तीनों ही विभाग होने चाहिए। ऐसे में डर इस बात का भी है कि कांग्रेस हमलावर हो सकती है। क्योंकि गहलोत के पास तीनों ही विभाग थे। कानून व्यवस्था को लेकर बीजेपी गहलोत पर निशाना साधती रही है। ऐसे में अब कांग्रेस के निशाने पर सीधे सीएम भजनलाल शर्मा आ सकते है।
विभाग आवंटन के लिए दिल्ली में मंथन
ऐसा माना जा रहा है कि दिल्ली के इशारे पर ही मंत्रियों को विभागों का बंटवारा होगा। दिल्ली में उच्च स्तर पर मंथन चल रहा है। ज्यादातर मंत्री दो बार के विधायक बने है। ऐसे में विभागों के लिए ज्यादा मशक्कत करनी पड़ रही है। मंत्री बने विधायक समीकरण बैठाने में लगे हुए है। प्रदेश के बड़े नेताओं से लगातार मिल रहे है। ऐसे में माना यह भी जा रहा है कि बड़े नेताओं का विभागों के आवंटन में सीधा दखल होगा। मुश्किल पेच गृह विभाग को लेकर फंसा हुआ है। क्योंकि इसके लिए सीएम समेत तीन बड़े दावेदार है। किरोड़ी लाल मीणा औऱ दीयाकुमारी गृह विभाग के लिए लाबिंग कर रहे है।
मंत्रिमंडल में 17 नए विधायक
उल्लेखनीय है कि इस बार भजनलाल शर्मा के मंत्रिमंडल में 17 नए विधायक है। जबकि वसुंधरा राजे सरकार के अधिकांश दिग्गजो एंट्री नहीं मिली है। ऐसे में माना जा रहा है कि वहीं होगा जो दिल्ली चाहेगी। राजे के करीबी कालीचरण सराफ, अजय सिंह क्लिक, प्रताप सिंघवी और श्रीचंद कृपलानी को जगह नहीं मिली है।राजे के करीब सिर्फ तीन मंत्रियों को जगह मिली है। गजेंद्र सिंह खींवसर और औटाराम देवासी। माना जा रहा है कि मलाईदार पद सीएम भजनलाल शर्मा के पास ही रहेंगे। जबकि दोनों डिप्टी सीएम को भी अहम पद दिए जा सकते है।