झुंझुनूं: देशभर में चर्चा में आए XPO क्रिप्टो घोटाले ने झुंझुनूं को भी हिला दिया है। 3500 करोड़ से ज्यादा की ठगी के इस रैकेट में जिले के हजारों निवेशकों के पैसे डूब चुके हैं, वहीं पुलिस ने 4 स्थानीय टॉप लीडरों को भगोड़ा घोषित कर इनाम भी तय कर दिया है। कई आरोपी विदेश भाग चुके हैं।
भरतपुर पुलिस के अनुसार माना जाता है कि XPO नेटवर्क ने 2022 में शुरुआत की थी और फॉरेक्स तथा क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग में 15–20% मासिक मुनाफा देने का दावा किया। लोगों को कहा गया कि वे 5 और लोगों को जोड़े तो अतिरिक्त लाभ मिलेगा, जो पिरामिड स्कीम का तरीका है। अब निवेशकों के पैसे फंसे हुए हैं और कंपनी का कोई लीडर सामने नहीं आ रहा।
पुलिस ने 5 मुख्य आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें भगोड़ा करार दिया और 10,000 से 12,000 रुपये तक का इनाम रख दिया।
इस रैकेट में चार आरोपी झुंझुनूं जिले से जुड़े बताए गए हैं। इनमें:-
सुरेंद्र बरबड़ निवासी सूजडोला, सूरजगढ़, जो बीजेपी एससी मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष व पूर्व सरपंच रह चुका है और महंगी कारों के चलते चर्चा में रहा।
विजय मौर्य बख्तावरपुरा बगड़ का निवासी, जो 2022 से बड़े स्तर पर नेटवर्क फैलाने में सक्रिय था।
सुरेंद्र सैनी बांसढी, गुढ़ा का रहने वाला, शुरुआत से ही प्रमुख लीडर के रूप में निवेश जुटाता रहा।
ईश्वर वर्मा श्रीमाली मोहल्ला, झुंझुनूं निवासी, जिसने खुद को प्राइवेट नौकरी पेशे वाला बताकर कई लोगों को निवेश के लिए तैयार किया।
पुलिस का कहना है कि मुख्य मास्टरमाइंड मनोज गर्ग अब भी फरार है।
जिले से लगभग 10,000 निवेशक इस नेटवर्क से जुड़े बताए जा रहे हैं, जिनसे अनुमानित 200 करोड़ रुपये की ठगी हुई है।
भरतपुर टीम की कार्रवाई शुरू होते ही 25 नवंबर के आसपास झुंझुनूं के करीब 30 युवक फरार हो गए।
सूत्रों के अनुसार:- लगभग 15 युवक दुबई भाग चुके हैं। बाकी अलग-अलग राज्यों में छिपे हुए हैं
एसपी ब्रिजेश उपाध्याय ने बताया कि पुलिस टीम ने झुंझुनूं जिले में दबिश देकर एक संदिग्ध को हिरासत में लिया है और विशेष अभियान जारी है।




