अमेरिका के कई प्रमुख राज्यों में मुस्लिम अमेरिकी नेताओं ने बाइडेन को चुनाव में समर्थन न देने का फैसला किया है. उनका कहना है कि बाइडेन ने इजरायल को गाजा में ऑपरेशन करने की खुली छूट दे रखी है. इसके बाद मुस्लिम नेताओं ने देश भर में अपने समुदाय को एकजुट करने का फैसला किया है ताकि बाइडेन को आगामी आम चुनाव में शिकस्त दी जा सके. इसके लिए उन्होंने #AbandonBiden कैंपेन की शुरुआत की है.
चुनाव में हो सकता है नुकसान
इस कैंपेन ने एक संगठन का रूप ले लिया है. मुस्लिम समुदाय ने बताया, “#AbandonBiden2024 कैंपेन को 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में बाइडेन को हराने के लिए तैयार किया गया है.”
अमेरिकी राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव “निर्वाचकों” के एक समूह द्वारा किया जाता है, जिन्हें ज्यादातर मामलों में उस राज्य के राजनीतिक दलों द्वारा चुना जाता है. इस समूह को इलेक्टोरल कॉलेज कहते हैं. इस समूह में मुस्लिम और अरब-अमेरिकी आबादी के लोग बड़ी संख्या में मौजूद होते हैं, इससे बाइडेन को आगामी चुनाव में नुकसान होने खतरा है.
बाइडेन नहीं तो कौन?
बाइडेन के विरोध के बाद मुस्लिम समुदाय के लिए सबसे बड़ा सवाल है कि अगर वे बाइडेन को राष्ट्रपति नहीं बनाना चाहते तो वे किसे बनाना चाहते हैं?
मिनेसोटा काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस (सीएआईआर) चैप्टर की निदेशक जयलानी हुसैन ने मिशिगन के डियरबोर्न में एक प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा, “हमारे पास दो विकल्प नहीं हैं, हमारे पास कई और विकल्प हैं.”
हालांकि, अगर मोटे तौर पर देखे तो अमेरिका में दो तरह के नेताओं का दबदबा रहा है, एक बाइडेन सरीखे नेता जो संयमित बयान देते हैं या किसी मुद्दे पर सभी समुदायों के हितों की बात करते हुए माहौल बनाते हैं, दूसरी ओर डोनाल्ड ट्रंप जैसे नेता हैं, जो अक्सर विवादित बयानों से घिरे रहते हैं. ट्रंप को मुस्लिम विरोधी नेता के तौर पर भी जाना जाता है.
जयलानी हुसैन कहते हैं, “हम बाइडेन से समर्थन खींच कर ये संदेश देना चाहते हैं कि हमारे समुदाय के लोग अमेरिकी राजनीति की दिशा बदल सकते हैं, इसके अलावा हम उन उम्मीदवारों पर दांव लगाएंगे जो हमारी बात करते हों.”