तेहरान/वॉशिंगटन, 21 जून: ईरान और इजराइल के बीच जारी सैन्य तनाव अब अंतरराष्ट्रीय संकट में बदल गया है। इस संघर्ष में अब अमेरिका की आधिकारिक एंट्री हो चुकी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हवाई हमला किया है। हमले में ईरान के फोर्डो, नतांज और एस्फाहान स्थित परमाणु केंद्रों को निशाना बनाया गया।
फोर्डो को किया गया ध्वस्त, सभी विमान सुरक्षित लौटे
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर जानकारी साझा करते हुए लिखा कि “फोर्डो खत्म हुआ।” उन्होंने बताया कि अमेरिका के सभी लड़ाकू विमान ईरान के हवाई क्षेत्र से सुरक्षित बाहर निकल चुके हैं और सभी पायलट सकुशल अपने बेस की ओर लौट रहे हैं। ट्रंप ने अमेरिकी वायुसेना की इस कार्रवाई को ‘अद्वितीय’ बताया और सेना के योद्धाओं को बधाई दी।
बी-2 बॉम्बर्स से किया गया हमला, बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल
इस हमले को अंजाम देने के लिए अमेरिका ने अत्याधुनिक स्टेल्थ बी-2 बॉम्बर्स का इस्तेमाल किया, जो बंकर बस्टर बम गिराने में सक्षम माने जाते हैं। हमले से कुछ घंटे पहले अमेरिका ने अपने बी-2 विमान गुआम से रवाना किए थे, जिससे यह संकेत पहले ही मिलने लगे थे कि अमेरिका युद्ध में प्रत्यक्ष हस्तक्षेप करने जा रहा है।
ईरान पर अमेरिकी चेतावनी पहले से थी जारी
ट्रंप ने पहले भी सार्वजनिक रूप से कहा था कि ईरान को परमाणु हथियार रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती। उन्होंने यह भी संकेत दिया था कि यदि जरूरत पड़ी तो अमेरिका सैन्य कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगा। इजराइल के समर्थन में अमेरिका लगातार खुलकर सामने आता रहा है।
ट्रंप करेंगे राष्ट्र को संबोधित
अमेरिका के इस हमले के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्र को संबोधित करेंगे। अमेरिकी स्थानीय समय के अनुसार उनका संबोधन रात 10 बजे होगा, जबकि भारतीय समयानुसार यह सुबह 7:30 बजे प्रसारित होगा। माना जा रहा है कि इस संबोधन में ट्रंप युद्ध को लेकर कोई बड़ा फैसला या घोषणा कर सकते हैं।
परमाणु ठिकानों पर हमले से बढ़ा तनाव
तीन परमाणु ठिकानों पर इस प्रकार के हमले से क्षेत्रीय तनाव काफी बढ़ गया है। ईरान की ओर से अब तक इस हमले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला ईरान की परमाणु नीति पर प्रत्यक्ष प्रहार है और इसका जवाब आने वाले समय में देखने को मिल सकता है।
युद्ध के और अधिक विकराल रूप लेने की आशंका
ईरान-इजराइल युद्ध की आंच अब वैश्विक मोर्चे तक पहुंच चुकी है। अमेरिका की औपचारिक एंट्री और सीधे सैन्य कार्रवाई से यह युद्ध अब केवल क्षेत्रीय विवाद नहीं रहा। विश्लेषकों का मानना है कि इस घटनाक्रम से पश्चिम एशिया में अस्थिरता और बढ़ सकती है, और इसके प्रभाव वैश्विक सुरक्षा व्यवस्था पर भी पड़ सकते हैं।