निकोसिया: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को साइप्रस की राजधानी निकोसिया में साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के साथ एक विशेष गोलमेज बैठक में हिस्सा लिया। यह बैठक व्यापार जगत के प्रमुख प्रतिनिधियों के साथ आयोजित की गई थी, जिसमें व्यापार, निवेश, रक्षा, स्टार्टअप, नवाचार, एआई और डिजिटल भुगतान जैसे अनेक क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को प्रोत्साहित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए।
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा पिछले 23 वर्षों में किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की साइप्रस की पहली यात्रा है, जिससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में नए युग की शुरुआत मानी जा रही है।

बैठक में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “साइप्रस लंबे समय से भारत का एक विश्वसनीय साझेदार रहा है। अब समय है कि हम अपने रिश्तों को वैश्विक व्यापार और तकनीकी साझेदारी की नई ऊंचाइयों पर ले जाएं।” उन्होंने भारतीय व्यापारिक प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि “आज की गोलमेज बैठक इस बात का प्रमाण है कि आर्थिक साझेदारी दोनों देशों के संबंधों की रीढ़ है।”
राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलिडेस ने प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही मित्रता और सहयोग की सराहना की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और साइप्रस इनोवेशन, एनर्जी, टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप, फिनटेक, रक्षा, पोत निर्माण, बंदरगाह विकास और डिजिटल ट्रांजैक्शन जैसे क्षेत्रों में मजबूत साझेदारी विकसित कर सकते हैं। उन्होंने भारत में बीते दशक के दौरान किए गए आर्थिक सुधारों और व्यापार सुगमता पर विशेष बल दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि “कई भारतीय कंपनियां साइप्रस को यूरोप का प्रवेश द्वार मानती हैं, जिससे साइप्रस को रणनीतिक लाभ मिल सकता है।”
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान एक ऐतिहासिक समझौते के तहत भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) और साइप्रस के यूरोबैंक के बीच सहयोग स्थापित किया गया, जिससे साइप्रस में यूपीआई (UPI) सेवा की शुरुआत की जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि “यूपीआई के कारण आज दुनिया के 50% डिजिटल लेनदेन भारत में होते हैं। अब यह सुविधा साइप्रस में भी उपलब्ध होगी, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक भुगतान और उपभोक्ता सेवाएं सरल होंगी।”

गोलमेज बैठक के दौरान नौवहन, पोत निर्माण, संपर्क और गतिशीलता के क्षेत्रों में भी गहन चर्चा हुई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा करते हुए कहा कि “इस मंच पर दोनों देशों के प्रमुख उद्योगपतियों और सीईओ के बीच महत्वपूर्ण वार्ता हुई, जिससे निवेश और तकनीकी सहयोग के नए रास्ते खुलेंगे।”
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की विकास यात्रा को साझा करते हुए कहा कि भारत ने ‘Ease of Doing Business’ के साथ-साथ ‘Trust of Doing Business’ पर भी ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत टूरिज्म के क्षेत्र में डेस्टिनेशन डेवलपमेंट और मैनेजमेंट पर काम कर रहा है, जिससे साइप्रस के साथ पर्यटन क्षेत्र में सहयोग की संभावनाएं बढ़ रही हैं।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत और साइप्रस के बीच वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार का कुल आंकड़ा 13.696 करोड़ अमेरिकी डॉलर रहा, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग का संकेत है। नई पहल और समझौतों से इस व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना जताई जा रही है।