क्वेरी पंक्ति के लिए नकद: ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई (CBI) की ओर से जांच शुरू करने पर बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी (Ramesh Bidhuri) का कहना है कि सबसे पहले, उन्हें उनकी लोकसभा सदस्यता से मुक्त किया जाना चाहिए. यह कोई नया मामला नहीं है.
बीजेपी सांसद बिधूड़ी ने कहा कि इससे पहले भी जिन कुछ सांसदों पर पैसे लेकर सवाल पूछे जाने के मामले सामने आए थे, उनकी सदस्यता भी छीन ली गई थी. इसलिए महुआ के लिए अलग से कोई कानून नहीं होगा. उनकी तरफ से किए गए लेन-देन और मिले उपहारों की जांच सीबीआई को करनी चाहिए.
बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने भी बताया आरोप को बेहद गंभीर
इस बीच देखा जाए तो बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद तेजस्वी सूर्या ने भी शनिवार (26 नवंबर) को कहा था कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं. एक संसद सदस्य की जिम्मेदारी संसद सदस्य के रूप में कार्य करना है.
तेजस्वी ने कहा था कि हमें उन लोगों की आवाज बनना है जिन्होंने हमें उस पद के लिए चुना है ना कि कुछ कॉर्पोरेट संस्थाओं के एजेंट के रूप में काम करने वालों के लिए. उन्होंने कहा था कि मैं इन आरोपों की सीबीआई जांच का स्वागत करता हूं. मुझे उम्मीद है कि कानून अपना काम करेगा और बहुत जल्द सच्चाई बाहर सामने आएगी.
सीबीआई जांच से पहले मामला संसद के सदन पटल पर रखना था- दानिश अली
महुआ मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई जांच करने के मामले में बीएसपी सांसद दानिश अली ने भी शनिवार को प्रतिक्रिया जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि इस देश में कुछ तुच्छ शिकायतों पर गोली की गति से कार्रवाई की जाती है. महुआ मोइत्रा का मामला संसद की एथिक्स कमेटी के पास था और वहां भी उनकी बात नहीं सुनी गई. अभी तो एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट को सदन पटल पर भी नहीं रखा गया है.
उन्होंने आरोप लगाया था कि ऐसा लग रहा है कि स्क्रिप्ट कहीं और लिखी गई. ऐसा महसूस किया जाता है कि अगर किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ आवाज उठाई गई तो उस आवाज को दबाने की पूरी कोशिश की जाएगी लेकिन देश इसे बर्दाश्त नहीं करेगा…”