झुंझुनूं, 22 मई 2025: जिले के दौरे पर आए सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी को गुरुवार को पंप चालको का एक प्रतिनिधिमंडल मिला। प्रतिनिधिमंडल ने जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षों से जल आपूर्ति का कार्य कर रहे जनता जल योजना कर्मचारियों को संविदा सेवा नियमों में शामिल करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।

तीन दशक से कर रहे सेवा, अब भी स्थायीत्व से वंचित
जनता जल योजना पंप चालक समिति के जिला अध्यक्ष विजेंद्र सिंह इंडाली के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया कि जिले भर में जल योजना से जुड़े कर्मचारी पिछले 25 से 30 वर्षों से बेहद कम मानदेय पर कार्यरत हैं। ये कर्मचारी गांवों में पानी सप्लाई की महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे हैं, लेकिन अब तक ना तो इन्हें संविदा सेवा नियमों में शामिल किया गया है और ना ही स्थायी कर्मचारी का दर्जा दिया गया है।
मुख्यमंत्री को भी दिया था ज्ञापन, फिर भी निराशा हाथ लगी
प्रतिनिधिमंडल ने जानकारी दी कि इस मांग को पहले भी विभिन्न मंचों पर उठाया गया है। छह माह पूर्व जिले के दौरे पर आए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भी इस संबंध में ज्ञापन सौंपा गया था। साथ ही जिले के प्रभारी मंत्री को भी अवगत कराया गया, लेकिन राज्य बजट में इन कर्मचारियों को फिर से नजरअंदाज कर दिया गया।
फाइल अटकी, कार्रवाई की मांग
ज्ञापन में यह मांग प्रमुखता से दोहराई गई कि सेवा अवधि और कार्य की महत्ता को देखते हुए इन कर्मियों को संविदा सेवा नियमों में तुरंत शामिल किया जाए। साथ ही वर्षों से लंबित पड़ी फाइल पर शीघ्र निर्णय लेते हुए कार्रवाई शुरू की जाए, जिससे इन कर्मचारियों को न्याय मिल सके।

मांगों को लेकर कर्मचारी नाराज, उम्मीद अब मंत्री पर
जल योजना से जुड़े कर्मचारियों में इस विषय को लेकर खासा असंतोष है। उनका कहना है कि एक ओर सरकार जल संकट से निपटने के लिए गंभीर है, दूसरी ओर वर्षों से सेवा दे रहे कर्मियों को अनदेखा किया जा रहा है। प्रतिनिधिमंडल को उम्मीद है कि इस बार पीएचडी मंत्री इनकी बात को गंभीरता से लेकर जल्द निर्णय करवाएंगे।
इस दौरान प्रतिनिधिमंडल में गोपाल सैनी, मदन सिंह, नाथू लाल मीणा, अशोक कुमार और रामकेश मीणा सहित कई कर्मचारी शामिल रहे।