झुंझुनूं, 12 मई 2025: जय पहाड़ी स्थित बुद्ध विहार धम्म स्थली आज श्रद्धा और उल्लास से सराबोर हो उठा, जहां त्रिगुण पावन बुद्ध पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन किया गया। यह आध्यात्मिक कार्यक्रम भंते विनय पाल के मार्गदर्शन में शांतिपूर्वक संपन्न हुआ।

अपने सारगर्भित प्रवचन में भंते विनय पाल ने बुद्ध धम्म के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे संपूर्ण मानवता के लिए कल्याणकारी मार्ग बताया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि बुद्ध का धम्म अंधविश्वास, पाखंड और आडंबर जैसी कुरीतियों से पूरी तरह मुक्त है, जो इसे तर्क और विवेक पर आधारित बनाता है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भंवरलाल सर्वा ने बुद्ध पूर्णिमा के वैश्विक महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आज यह पावन पर्व पूरे विश्व में गहरी आस्था के साथ मनाया जाता है। उनके अनुसार, बुद्ध धम्म करुणा, शील, प्रज्ञा और मैत्री जैसे उदात्त मूल्यों का प्रतीक है, जो समस्त मानव जाति को एकता के सूत्र में बांधने की शक्ति रखता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं डॉक्टर मधु तंवर ने बुद्ध धम्म में महिलाओं की गरिमा और अधिकारों पर विशेष जोर दिया। उन्होंने बताया कि बुद्ध के दर्शन में महिलाओं को न्याय, समानता, शिक्षा और धार्मिक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी का पूर्ण अधिकार प्राप्त है, जो उस समय के सामाजिक परिवेश में एक क्रांतिकारी कदम था।
विशिष्ट अतिथि और ट्रस्टी व सचिव बलबीर सिंह काला ने तथागत बुद्ध की विशाल ज्ञानराशि, जिसमें 84,000 शिक्षाएं शामिल हैं, और सम्राट अशोक द्वारा निर्मित 84,000 बौद्ध विहारों का उल्लेख किया। उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि इनमें से अधिकांश विहार या तो लुप्त हो चुके हैं या अन्य स्वरूपों में परिवर्तित हो गए हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि बिहार के गया स्थित महाबोधि महाविहार एकमात्र शेष महत्वपूर्ण बौद्ध धरोहर है, जिसे पुनः प्राप्त करने के लिए एक आंदोलन सक्रिय रूप से चल रहा है।

इस अवसर पर, अम्बेडकर विचार मंच बगड़ की ओर से भंते विनय पाल बौद्ध को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए नकद पुरस्कार और एक स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सतवीर सिंह बरवड़, भीम आर्मी जिला अध्यक्ष विकास आल्हा, धर्मपाल बौद्ध, दारासिंह कलवा, भतेरी देवी और बी एल बौद्ध जैसे गणमान्य व्यक्तियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बुद्ध धम्म के त्रिशरण, शील, अष्टांगिक मार्ग और पारमिताओं जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला, जिससे उपस्थित श्रद्धालुओं को बौद्ध दर्शन की गहरी समझ प्राप्त हुई।
कार्यक्रम का कुशल संचालन बी एल बौद्ध द्वारा किया गया, जिन्होंने अपनी वाणी से पूरे कार्यक्रम को बांधे रखा। कार्यक्रम के समापन पर सभी उपस्थित लोगों को खीर का प्रसाद वितरित किया गया। इस पवित्र और महत्वपूर्ण आयोजन में महिलाओं, बच्चों और विभिन्न क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में उत्साहपूर्वक भाग लिया, जो बुद्ध धम्म के प्रति उनकी गहरी आस्था और सम्मान का प्रतीक था।