नई दिल्ली: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में आतंकवादियों ने हिंदू श्रद्धालुओं पर कायराना हमला किया, जिसमें कई निर्दोष नागरिक मारे गए और दर्जनों घायल हुए। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठन ने ली थी। इसके बाद भारत ने 6 और 7 मई की दरम्यानी रात को “ऑपरेशन सिंदूर” को अंजाम दिया।
इस सैन्य कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक नष्ट किया। इस ऑपरेशन ने स्पष्ट संदेश दिया कि भारत अब आतंक पर चुप नहीं बैठेगा।

संघ का बयान: ऑपरेशन सिंदूर पर समर्थन और सराहना
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने इस सैन्य अभियान को “निर्णायक और आवश्यक” बताते हुए कहा:
“पहलगाम की कायरतापूर्ण आतंकवादी घटना के बाद पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों और उनके समर्थक इकोसिस्टम पर की जा रही निर्णायक कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए भारत सरकार के नेतृत्व और सैन्यबलों का हार्दिक अभिनंदन करते हैं।”
संघ ने कहा कि यह ऑपरेशन न केवल हिंदू श्रद्धालुओं को न्याय दिलाने की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि यह राष्ट्र की सामूहिक हिम्मत और आत्मबल को भी प्रकट करता है।
पाकिस्तानी जवाबी कार्रवाई की नाकाम कोशिश
भारतीय ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान ने 8 मई की रात को भारत के 15 इलाकों पर ड्रोन और मिसाइल से हमला करने की नाकाम कोशिश की। परंतु भारतीय सेना और सुरक्षा बलों ने 50 से अधिक पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराया। जवाबी कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान के 8 शहरों पर हमला कर उसकी रणनीतिक क्षमता को फिर एक बार ध्वस्त कर दिया।

संघ की पाकिस्तान की निंदा
संघ ने अपने बयान में पाकिस्तानी सेना द्वारा धार्मिक स्थलों और नागरिक बस्तियों पर हमले को निंदनीय बताया। उन्होंने कहा:
“पाकिस्तानी सेना द्वारा भारत की सीमा पर धार्मिक स्थलों एवं नागरिक क्षेत्रों पर किए जा रहे हमलों की हम घोर निंदा करते हैं और पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदनाएं प्रकट करते हैं।”
देशवासियों से एकता की अपील
संघ ने इस अवसर पर देशवासियों से अपील करते हुए कहा:
- सरकार और प्रशासन द्वारा दी जा रही सूचनाओं का पालन करें
- राष्ट्र विरोधी ताकतों द्वारा फैलाए जा रहे भ्रामक प्रचार से सतर्क रहें
- सामाजिक एकता और समरसता को बिगाड़ने वाले किसी भी षड्यंत्र को असफल करें
- जरूरत पड़ने पर प्रशासन और सेना को पूर्ण सहयोग दें
“हर देशवासी को अपनी देशभक्ति का परिचय देते हुए राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा को बनाए रखने के सभी प्रयासों में भागीदारी करनी चाहिए।”