पहलगाम, जम्मू-कश्मीर: पहलगाम के बायसरन में मंगलवार को हुआ आतंकी हमला न केवल दर्दनाक था, बल्कि मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाला भी साबित हुआ। इस हमले में हथियारों से लैस आतंकियों ने निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाया। चश्मदीदों के अनुसार हमलावरों ने लोगों से धर्म पूछ-पूछकर गोलियां चलाईं, जिससे घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई।

धार्मिक पहचान के आधार पर गोलीबारी
हमले के प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया है कि आतंकियों ने पहले लोगों से उनका धर्म पूछा और फिर गैर-मुस्लिम समझकर उन्हें निशाना बनाया।
एक महिला पीड़ित का कहना है:
“मैं और मेरे पति भेल खा रहे थे, तभी आतंकी आए और बोले – ये मुस्लिम नहीं लगते, इन्हें मार दो – और मेरे पति को गोली मार दी गई।”
वीडियो में दिखा चीखता सच
एक वायरल वीडियो, जो कि इतना दर्दनाक है कि उसे प्रसारित नहीं किया जा सकता, उसमें कई महिलाएं रोती-बिलखती दिख रही हैं।
एक महिला चिल्ला रही है:
“कोई मेरे बेटे को बचा लो।”
एक स्थानीय व्यक्ति उसे ढांढस बंधाते हुए कहता है:
“आप चिंता मत करो, हम हैं आपकी मदद के लिए।”
‘मोदी को जाकर बोलो’ – आतंकी का बयान
इस घटना ने तब और भी सनसनीखेज रूप ले लिया जब एक पीड़िता पल्लवी, जिनके पति मंजूनाथ इस हमले में मारे गए, ने बताया:
“मैं, मेरे पति और बच्चा 19 तारीख को कश्मीर की ट्रिप पर आए थे। पहलगाम के मिनी स्विट्जरलैंड पॉइंट पर पहुंचे ही थे कि फायरिंग शुरू हो गई। हमें पहले लगा सेना की ड्रिल होगी, लेकिन जब सभी भागने लगे, हमें समझ आया कुछ गलत हो रहा है। मेरे पति को गोली लगी और वहीं उनकी मौत हो गई। जब हमने हमलावर से कहा कि हमें भी मारो, उसने कहा – मोदी को जाकर बोलो।”

स्थानीयों की भूमिका पर उठे सवाल
जहां एक ओर कई स्थानीय लोगों ने मदद की कोशिश की, वहीं वीडियो में एक महिला यह भी कहती है कि आतंकियों ने कुछ लोगों की मदद से हमला किया। इससे घटनास्थल पर मौजूद स्थानीय सहायता और संदेह दोनों की स्थिति बनती दिख रही