अमेरिका: अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया विभाग की निदेशक तुलसी गबार्ड इस समय भारत में हैं। वह 18 मार्च को भारत के प्रतिष्ठित ‘रायसीना डायलॉग’ में शिरकत करेंगी। इस सम्मेलन से पहले, गबार्ड ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक में हिस्सा लिया, जिसमें अंतरराष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों के बीच सहयोग और सुरक्षा संबंधी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।

रायसीना डायलॉग के तीन दिवसीय कार्यक्रम में इस बार 20 देशों के इंटेलिजेंस प्रमुखों के शामिल होने की संभावना है। इससे पहले, डोभाल की अध्यक्षता में हुई खुफिया प्रमुखों की बैठक में यह सहमति बनी कि इन देशों की सरजमीं का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाएगा। इस बैठक में तुलसी गबार्ड सहित कई प्रमुख खुफिया अधिकारी मौजूद थे।
सूत्रों के अनुसार, इस बैठक के बाद अजीत डोभाल और तुलसी गबार्ड के बीच वन-टू-वन बातचीत हुई, जिसमें भारत-अमेरिका के बीच वैश्विक रणनीतिक भागीदारी और इंटेलिजेंस शेयरिंग पर सहमति बनी। इस दौरान भारत ने विदेशी सरजमीं पर चल रही भारत विरोधी गतिविधियों का मुद्दा उठाया, जिसमें खासकर अमेरिका में खालिस्तानियों की बढ़ती गतिविधियों का जिक्र किया गया। दोनों देशों ने इस पर सहमति जताई कि कोई भी राष्ट्र अपनी सरजमीं का उपयोग दूसरे राष्ट्र के खिलाफ नहीं होने देगा।
यह बैठक गोपनीय थी, और इसके बारे में आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी साझा नहीं की गई। डोभाल की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में कनाडा के NSA डेनियल रॉजर्स और ब्रिटिश खुफिया एजेंसी MI-6 के प्रमुख रिचर्ड मूर भी शामिल हुए थे।

वहीं, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 मार्च को दिल्ली में भू-राजनीति और भू-आर्थिकी पर केंद्रित तीन दिवसीय सम्मेलन ‘रायसीना डायलॉग’ के 10वें संस्करण का उद्घाटन करेंगे। इस सम्मेलन में 125 देशों के 3500 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन इस बार के सम्मेलन के मुख्य अतिथि होंगे, और वह उद्घाटन सत्र में मुख्य भाषण देंगे। सम्मेलन का समापन 19 मार्च को होगा, और इस बार का थीम ‘कालचक्र-पीपुल, पीस एंड प्लैनेट’ है।