महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में स्थित मुगल शासक औरंगजेब की कब्र के आसपास सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है। कब्र को नुकसान पहुंचाने की धमकियों के बाद प्रशासन ने ऐहतियाती कदम उठाए हैं। शनिवार को जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने स्थल का निरीक्षण किया और सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।
सुरक्षा व्यवस्था को किया गया मजबूत
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एसआरपी की एक बटालियन को कब्र स्थल पर तैनात किया गया है। पहले से ही स्थानीय पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था वहां मौजूद थी, लेकिन अब इसे और अधिक मजबूत किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दो वरिष्ठ इंस्पेक्टर स्तर के पुलिस अधिकारियों को 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात किया गया है।

इसके अतिरिक्त, कब्र स्थल तक पहुंचने वाली सड़क पर दो जगहों पर नाकाबंदी की गई है और दो स्थायी निगरानी बिंदु (फिक्स प्वाइंट) बनाए गए हैं। इस दौरान, कब्र स्थल पर जाने वाले हर व्यक्ति की गहन जांच की जा रही है और पूरी तरह से सत्यापन के बाद ही उन्हें प्रवेश की अनुमति दी जा रही है।
वीएचपी और बजरंग दल की चेतावनी के बाद बढ़ी सतर्कता
हाल के दिनों में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद बढ़ गया है। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल द्वारा ‘कार सेवा’ करने की चेतावनी के बाद प्रशासन हरसंभव एहतियाती कदम उठा रहा है। इसके चलते, पुलिस अधिकारियों ने खुलताबाद स्थित औरंगजेब की कब्र का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री फडणवीस का बयान – ‘कानून के तहत होगा फैसला’
इस मामले पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 10 मार्च को प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि प्रदेश में सभी की यही राय है कि छत्रपति संभाजीनगर में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाया जाना चाहिए, लेकिन यह प्रक्रिया कानून के दायरे में रहकर ही की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने इस स्थल को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षण में दे दिया था, जिसके चलते इसे हटाने की कोई भी प्रक्रिया कानूनी बाधाओं के तहत होगी।

बीजेपी सांसद उदयनराजे भोसले ने की कब्र हटाने की मांग
इस विवाद को और बल तब मिला जब मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद उदयनराजे भोसले ने छत्रपति संभाजीनगर में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग उठाई। इस मुद्दे पर जब मुख्यमंत्री से सवाल किया गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निर्णय कानूनी प्रक्रियाओं के तहत लिया जाएगा, क्योंकि यह स्थल एएसआई के संरक्षण में आता है।