प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के स्नान पर्वों के बाद कुंभनगरी में एक बार फिर से अध्यात्म और प्रशासनिक गतिविधियों का संगम देखने को मिलेगा। बुधवार, 17 जनवरी को यहां एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना होगी, जब उत्तर प्रदेश सरकार का मंत्रिमंडल संगम तट पर एकत्र होकर स्नान पुण्य अर्जित करेगा और साथ ही कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा और स्वीकृति के लिए कैबिनेट बैठक आयोजित करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह विशेष आयोजन होगा, जिसमें सभी 54 मंत्री भाग लेंगे।

दूसरी बार कुंभनगरी में कैबिनेट बैठक
यह दूसरा अवसर है जब प्रदेश सरकार का मंत्रिमंडल कुंभनगरी में बैठक करेगा। इससे पहले 2019 के कुंभ में योगी सरकार ने यहां कैबिनेट बैठक कर एक नई परंपरा की शुरुआत की थी। इस बार भी बैठक के साथ संगम स्नान का आयोजन किया जा रहा है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। मंगलवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश कुमार पाठक समेत कई मंत्री प्रयागराज पहुंच चुके हैं, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार सुबह 11 बजे हेलीकॉप्टर से डीपीएस मैदान स्थित हेलीपैड पर उतरेंगे और वहां से कार द्वारा त्रिवेणी संकुल पहुंचेंगे।
त्रिवेणी संकुल में कैबिनेट बैठक
कैबिनेट बैठक दोपहर 12 बजे अरैल स्थित त्रिवेणी संकुल में होगी। पहले यह बैठक मेला प्राधिकरण के सभागार में होने वाली थी, लेकिन श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इसका स्थान बदल दिया गया। संगम में स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। बैठक के बाद मंत्रीगण अरैल वीआईपी घाट से मोटर बोट के माध्यम से संगम पहुंचेंगे, जहां गंगा स्नान और विधिवत पूजन होगा। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सहित प्रदेश के सांसद और विधायक भी शामिल होंगे।

संगम स्नान और पूजन
स्नान और पूजन का कार्यक्रम संगम के पवित्र जल में होगा, जिसे हिंदू धर्म में मोक्षदायी माना गया है। सभी मंत्री गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के मिलन स्थल पर स्नान कर पुण्य अर्जित करेंगे। स्नान के उपरांत मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री पूजन करेंगे। इस अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्थाएं
बैठक और स्नान कार्यक्रम को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए व्यापक सुरक्षा और प्रशासनिक बंदोबस्त किए गए हैं। प्रयागराज और आसपास के जिलों के डीएम सहित 55 मजिस्ट्रेटों की ड्यूटी लगाई गई है। इन अधिकारियों को विभिन्न चरणों में जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, जिनमें बैठक संचालन, संगम स्नान और भोजन प्रसाद का प्रबंधन शामिल है। विधानसभा और विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मंगलवार रात तक प्रयागराज पहुंच चुके हैं।