पाकिस्तान: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अपराधियों द्वारा तीन हिंदू युवकों का अपहरण करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने बताया कि रहीम यार खान जिले के भोंग क्षेत्र में यह घटना घटी। जब शमन, शमीर और साजन नामक तीन युवक चौक सवेत्रा बेसिक हेल्थ यूनिट (बीएचयू) के पास मौजूद थे, तब पांच सशस्त्र डकैत उन्हें जबरन अगवा कर कच्चा (नदी क्षेत्र) में ले गए।
डकैतों के सरगना आशिक कोराई ने एक वीडियो संदेश जारी कर अहमदपुर लामा थाने के पुलिस अधिकारी राणा रमजान को धमकी दी। उसने कहा कि यदि कोराई परिवार के दस सदस्यों को रिहा नहीं किया गया तो वे न केवल अपहृत हिंदू युवकों की हत्या कर देंगे, बल्कि पुलिस पर भी हमला करेंगे। वीडियो में जंजीरों में बंधे हुए हिंदू युवक प्रशासन से अपनी रिहाई की गुहार लगाते नजर आए।
रहीम यार खान जिले के कच्चा क्षेत्र में डकैतों का लंबे समय से दबदबा है। पिछले वर्ष डकैतों ने दो पुलिस वाहनों पर हमला कर 12 पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था, जबकि सात अन्य घायल हुए थे। दक्षिणी पंजाब और सिंध के मैदानों में स्थित कच्चा क्षेत्र डकैतों की शरणस्थली बना हुआ है, जहां पंजाब पुलिस कई अभियानों के बावजूद इन्हें खदेड़ने में असफल रही है।
खैबर पख्तूनख्वा में 16 मजदूरों का अपहरण
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में भी अपराधियों ने आतंक मचा रखा है। बृहस्पतिवार को हथियारबंद लोगों ने कम से कम 16 मजदूरों का अपहरण कर लिया। ये मजदूर एक सरकारी प्रतिष्ठान में कार्यरत थे और निर्माण स्थल की ओर जा रहे थे, जब अपराधियों ने उनका वाहन रोककर उन्हें अगवा कर लिया। अपहरण के बाद अपराधियों ने कबाल खेल क्षेत्र में वाहन को आग के हवाले कर दिया।
अब तक किसी भी संगठन ने इस अपहरण की जिम्मेदारी नहीं ली है। हाल के वर्षों में प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ऐसे कई अपराधों में संलिप्त रहा है। टीटीपी, जिसे अल-कायदा का सहयोगी माना जाता है, 2007 में कई आतंकवादी गुटों के विलय से बना था। पाकिस्तान में हुए कई घातक आतंकी हमलों के लिए इसे जिम्मेदार ठहराया जाता है।
बम विस्फोट को नाकाम किया गया
खैबर पख्तूनख्वा के टैंक जिले में सुरक्षा बलों को एक बड़ी कामयाबी मिली, जब बम निरोधक इकाई ने महबूब जियारत जांच चौकी के पास रखे गए 25 किलोग्राम वजनी बम को निष्क्रिय कर दिया। यह बम उस मार्ग पर लगाया गया था, जहां से सुरक्षा बलों का काफिला गुजरने वाला था।