नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के जाट समुदाय को केंद्र की ओबीसी (अर्थात अन्य पिछड़ा वर्ग) सूची में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। केजरीवाल ने इस पत्र में केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह पिछले 10 वर्षों से जाट समाज के साथ धोखा कर रही है, और इस वादाखिलाफी के कारण दिल्ली के ओबीसी समाज के हजारों युवाओं के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार की ओबीसी लिस्ट में जाट समाज का नाम होने के बावजूद केंद्र सरकार की लिस्ट में इसे शामिल नहीं किया गया है, जो कि उनके लिए एक बड़ा अन्याय है।
केजरीवाल ने कहा – ‘दिल्ली के जाट भाई-बहनों के साथ बड़ा अन्याय’
अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा, “दिल्ली सरकार की ओबीसी लिस्ट में जाट समाज का नाम आता है, लेकिन केंद्र सरकार की लिस्ट में दिल्ली का जाट समाज नहीं आता है। यह हमारे दिल्ली के जाट भाई-बहनों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है। पिछले 10 सालों में, केंद्र सरकार ने 4 बार दिल्ली के जाट समाज को आरक्षण देने का वादा किया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। दिल्ली में दिल्ली के जाटों को आरक्षण नहीं मिलता, मगर बाहर से आए जाटों को यह लाभ मिलता है।”
पत्र में वादे और धोखा का जिक्र
केजरीवाल ने पत्र में याद दिलाया कि 10 साल पहले प्रधानमंत्री मोदी ने जाट समाज से वादा किया था कि दिल्ली के जाटों को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में जोड़ा जाएगा, ताकि उन्हें केंद्र सरकार के कॉलेजों और नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिल सके। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी 2017 में यूपी चुनाव से पहले दिल्ली और देश के जाट नेताओं से मुलाकात की और यह वादा किया था कि ओबीसी लिस्ट में शामिल जातियों को केंद्र की सूची में भी जोड़ा जाएगा। लेकिन चुनाव के बाद इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया।
ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों का उल्लेख
केजरीवाल ने आगे लिखा कि केंद्र की ओबीसी आरक्षण नीतियों में कई विसंगतियां हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “केंद्र की ओबीसी लिस्ट में होने के कारण राजस्थान से आने वाले जाट युवाओं को दिल्ली विश्वविद्यालय में ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलता है, जबकि दिल्ली के जाट समाज को यह लाभ नहीं मिल पा रहा है।” यह विशेष रूप से चिंता का विषय है, क्योंकि दिल्ली के जाट समाज को ओबीसी आरक्षण मिलने के बावजूद केंद्र सरकार ने उन्हें अपनी ओबीसी लिस्ट में शामिल नहीं किया है।
केजरीवाल ने केंद्र सरकार से ओबीसी सूची में सुधार की अपील की
केजरीवाल ने पत्र के अंत में कहा कि दिल्ली में केंद्र सरकार के सात विश्वविद्यालय और कई अन्य सरकारी संस्थान हैं, जिनमें केंद्र सरकार के नियम लागू होते हैं। इन संस्थानों में दिल्ली के ओबीसी समुदाय के युवाओं को उचित अवसर नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि वह अपनी ओबीसी सूची में सुधार करे और दिल्ली के ओबीसी दर्जा प्राप्त सभी जातियों को केंद्र सरकार के संस्थानों में आरक्षण का लाभ दे।