नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री आतिशी को एक पत्र लिखकर हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दिए बयान पर अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। पत्र में एलजी ने मुख्यमंत्री आतिशी को नए साल की अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य और स्वस्थ जीवन की कामना की। साथ ही, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी ने कई विभागों का दायित्व लेकर प्रशासनिक मुद्दों पर काम करने का प्रयास किया है, जो उनके पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री के विपरीत है।
एलजी ने जताई पूर्व मुख्यमंत्री के बयान पर नाराजगी
अपने पत्र में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा कि अरविंद केजरीवाल द्वारा आतिशी को “अस्थायी और काम चलाऊ मुख्यमंत्री” घोषित करना बेहद आपत्तिजनक और अपमानजनक है। उन्होंने लिखा, “यह केवल आपका अपमान नहीं है, बल्कि महामहिम राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधि के रूप में मेरा भी अपमान है।” सक्सेना ने इसे संविधान के मूल्यों और लोकतांत्रिक भावना के विरुद्ध बताया।
उन्होंने कहा कि “अस्थायी मुख्यमंत्री” जैसी कोई संवैधानिक अवधारणा नहीं है। बाबा साहेब आंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। इस तरह की व्याख्या न केवल संवैधानिक भावना का उल्लंघन है, बल्कि यह एक संवैधानिक पद की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य है।
दिल्ली की समस्याओं का ज़िक्र करते हुए जताई चिंता
एलजी ने अपने पत्र में दिल्ली की विभिन्न समस्याओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने लिखा, “यमुना की बदतर स्थिति, पीने के पानी की कमी, कचरे के पहाड़, औद्योगिक क्षेत्रों में सुविधाओं का अभाव, सड़कों और सीवर लाइनों की दुर्दशा, स्वास्थ्य व्यवस्था की खराब हालत, अनधिकृत कॉलोनियों और झुग्गी बस्तियों की नारकीय स्थिति जैसे मुद्दे वर्षों से उपेक्षित रहे हैं। इन विफलताओं की जिम्मेदारी अब मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी की मानी जाएगी।”
उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में तीन-चार महीने के भीतर इन समस्याओं का समाधान करना कठिन है। लेकिन फिर भी मुख्यमंत्री के रूप में यह जिम्मेदारी आतिशी को निभानी होगी।
आरोपों और जेल भेजने की धमकी पर भी दी प्रतिक्रिया
एलजी वीके सक्सेना ने केजरीवाल द्वारा आतिशी को “जेल भेजे जाने” की धमकी पर भी अपनी आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने लिखा, “यह असत्य है कि परिवहन विभाग या किसी अन्य जांच एजेंसी द्वारा आतिशी के खिलाफ कोई जांच चल रही है। यह बात आज अखबार के माध्यम से सामने आई है कि परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने भी स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।”