जयपुर, राजस्थान: राज्य सरकार ने मंत्रिमडल की बैठक में बड़ा निर्णय लेते हुए गहलोत सरकार में बनाए गए 9 नये जिले और 3 संभाग निरस्त कर दिए हैं। मंत्रीमंडल की बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग के दौरान संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि राज्य के बीते 67 सालों के इतिहास में केवल 7 ही नए जिले बने थे, लेकिन पुरानी सरकार ने 2 हफ्ते में ही 17 जिले और 3 संभाग बना दिए, जो कि एक अविवेकपूर्ण निर्णय था। राज्य सरकार के इस निर्णय के बाद अब राजस्थान में कुल 7 संभाग और 41 जिले ही रह जाएंगे।
शनिवार को कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है। संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि चुनाव से पहले नए जिले और संभाग बनाए गए थे। पूर्ववर्ती सरकार का यह निर्णय व्यवहारिक नहीं था। नये जिले बनाने के लिए वित्तीय संसाधन और जनसंख्या के पहलुओं को अनदेखा किया गया। कई जिले ऐसे थे जिनमें 6-7 तहसीलें नहीं थी। राज्य में इतने जिलों की आवश्यकता होती, तो इसका परीक्षण किया जाता।
मंत्री जोगाराम पटेल ने आगे कहा कि न तो इसके लिए कोई पद सृजिए किये गए और न ही कोई कार्यालय भवन की व्यवस्था की गई। जितने जिले बने, उसमें 18 विभागों में पद सृजन की कोशिश की गई। ये जिले राजस्थान पर अनावश्यक भार डाल रहे हैं। रीव्यू के लिए बनी कमेटी ने पाया कि इन जिलों की उपयोगिता नहीं है।
ये संभाग खत्म
बांसवाड़ा, पाली, सीकर
ये जिले रहेंगे यथावत
बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, फलौदी और सलूंबर।
ये 9 जिले हुए निरस्त
दूदू, शाहपुरा, नीमकाथाना, केकड़ी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, गंगापुर सिटी, अनूपगढ़, सांचौर।