झुंझुनूं, 23 नवम्बर 2024: उपचुनाव में झुंझुनूं विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत का परचम फहराते हुए अभी तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की है। भाजपा प्रत्याशी राजेन्द्र भाम्बू ने कांग्रेस के अमित ओला को 42 हजार 848 वोटों के बड़े अंतर से हराया है। यह सीट 21 साल बाद भाजपा की झोली में गई है। राजेन्द्र भाम्बू को 90 हजार 425 वोट मिले जबकि अमित ओला को 47 हजार 577 वोट ही मिल पाए।
झुंझुनूं सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती है। यहां लगातार 4 चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस उप चुनाव में हार गई। इससे पहले 2003 में आखिरी बार भाजपा को चुनाव में जीत मिली थी, लेकिन उसके बाद से यहां कमल नहीं खिल पाया था।
लोकसभा चुनाव में बृजेन्द्र ओला के सांसद बनने के बाद खाली हुई झुंझुनू विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे। ओला विधानसभा चुनाव में लगातार 4 बार चुनाव जीत चुके थे। उपचुनाव में ये हार कांग्रेस और ओला परिवार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
मुस्लिम वोटर्स की नाराजगी महंगी पड़ी कांग्रेस को
उपचुनाव में कांग्रेस की हार का सबसे बडा कारण कांग्रेस के परंपरागत अल्पसंख्यक वोटर्स की नाराजगी को माना जा रहा है। अल्पसंख्यक नेता झुंझुनू से कांग्रेस की टिकट की मांग कर रहे रहे थे। टिकट नहीं मिलने पर बढ़ी नाराजगी ने मुस्लिम वोटर्स को कांग्रेस से दूर कर दिया। मौका देख कर निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में उतरे पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा के आक्रामक चुनाव प्रचार ने कांग्रेस के कोर वोटर्स को अपनी ओर खींचा। कांग्रेस के चुनावी समीकरण को गुढ़ा ने बिगाड़ दिया। झुंझुनूं में कांग्रेस की जीत में हमेशा जाट वोटों के साथ मुस्लिम और एससी-एसटी वोटर्स की बड़ी भूमिका रही है।
राजेन्द्र सिंह गुढ़ा ने मुस्लिम और एससी-एसटी वोटर्स को टारगेट करके चुनाव लड़ा और अपने मिशन में वे बहुत हद तक कामयाब भी रहे। गुढ़ा को 38 हजार से ज्यादा वोट मिले, और अमित ओला 42 हजार 848 वोटों से चुनाव हार गए।
चुनाव परिणाम के बाद जनचर्चा है कि झुंझुनूं के अल्पसंख्यक और एससी-एसटी वोटर्स को राजेन्द्र गुढ़ा के रूप में अपना नया नेता मिल गया है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भांबू की जीत पर ट्वीट कर बधाई दी है।
आभार झुंझुनूं
— Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) November 23, 2024
झुंझुनूं विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी श्री राजेन्द्र भाम्बू जी को ऐतिहासिक जीत की हार्दिक शुभकामनाएं, देवतुल्य जनता का कोटि-कोटि आभार एवं समस्त कार्यकर्ताओं को आत्मीय बधाई।@rajendrabhamboo pic.twitter.com/xhsw9VNlh2
कांग्रेस के बड़े नेताओं ने नहीं किया चुनाव प्रचार
प्रदेश में अलग-अलग खेमों में बंटी कांग्रेस के बड़े नेताओं ने चुनाव प्रचार से दूरी बनाए रखी। बिजेंद्र सिंह ओला को कांग्रेस में सचिन पायलट के नजदीक माना जाता है। कांग्रेस की खेमेबाजी के चलते झुंझुनूं में किसी भी बड़े नेता की न तो सभा हुई और न ही वे चुनाव प्रचार में शामिल हुए।
वंशवाद खत्म हुआ: राजेन्द्र सिंह भाम्बू
उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर निर्वाचित विधायक राजेन्द्र सिंह भाम्बू ने जीत के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि झुंझुनू में जनता ने वंशवाद को खत्म कर दिया है। अब अगले 20-25 साल तक रहेगी भारतीय जनता पार्टी की जीत कायम रहेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जिले के लिए कुछ नहीं किया, यही वजह है कि जनता ने उन्हें नकारते हुए आईना दिखा दिया है।
झुंझुनू विधानसभा उपचुनाव के अंतिम नतीजे
राजेंद्र भाम्बू (भाजपा) =90425
अमित ओला (कांग्रेस) =47577
राजेंद्र सिंह गुढ़ा (निर्दलीय) =38751
आमीन (आजाद समाज पार्टी) =2043
मधु मुरारका (राष्ट्रीय मंगलम पार्टी) =265
अमित (निर्दलीय) =144
अमित कुमार (निर्दलीय) =123
अलतीफ (निर्दलीय) =77
कैलाश दास महाराज (निर्दलीय) =159
दान सिंह शेखावत (निर्दलीय) =1286
निशा कंवर (निर्दलीय) =425
कल विधिमान्य मत =181275
नोटा =1365
डाक मत पत्र निरस्त हुए =296
टेंडर वोट = 5
ईवीएम से मतदान= 181680
सर्विस वोटर (ईटीबीपीएस)=683
डाक मतपत्र (होम वोटिंग) =573
कुल डाक मतपत्र=1256
कुल गिने गये वोट =182936