मुल्तान, पाकिस्तान: पाकिस्तान के पंजाब राज्य में वायु प्रदूषण का स्तर चिंताजनक स्तर तक बढ़ गया है, खासकर मुल्तान शहर में, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। रिपोर्टों के अनुसार, मुल्तान का एक्यूआई शुक्रवार सुबह 2135 रिकॉर्ड किया गया, जो हवा में खतरनाक प्रदूषण के संकेत दे रहा है। प्रदूषण के इस स्तर के कारण धुंध के चलते दृश्यता में गिरावट आई है, और सरकार को इस स्थिति से निपटने के लिए कई सख्त कदम उठाने पड़े हैं।
लॉकडाउन और अन्य प्रतिबंध लागू
पंजाब राज्य सरकार ने इस स्थिति को देखते हुए हाई अलर्ट घोषित कर दिया है और राज्य के कई क्षेत्रों में स्मार्ट लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। मुल्तान के डिप्टी कमिश्नर वसीम हामिद सिंधु के अनुसार, बाजारों को रात आठ बजे तक बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, वाहनों से धुआं छोड़ने, पराली और कचरा जलाने, और ईंट भट्ठों के संचालन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए यातायात पुलिस को भी सक्रिय किया गया है।
सार्वजनिक स्थलों पर प्रतिबंध
प्रदूषण के कारण राज्य में 17 नवंबर तक पार्क, संग्रहालय, स्मारक, और अन्य सार्वजनिक स्थल बंद कर दिए गए हैं। इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन ने जनता को फेस मास्क पहनने की सलाह दी है ताकि प्रदूषित हवा के प्रभाव को कम किया जा सके। इस बीच, राज्य सरकार ने लोगों को घरों से बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है।
मुल्तान में बढ़ता संकट
पाकिस्तान मीडिया के अनुसार, मुल्तान में एक्यूआई शुक्रवार सुबह 8 से 9 बजे के बीच 2135 तक पहुंच गया, जो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानकों से काफी अधिक है। इसके साथ ही पीएम 2.5 की सांद्रता 947 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज की गई, जो डब्ल्यूएचओ द्वारा सुरक्षित माने गए मानक से 189.4 गुना अधिक है। दिन के समय एक्यूआई 980 रहा, जबकि शमसाबाद कॉलोनी और मुल्तान कैंट क्षेत्रों में एक्यूआई क्रमशः 2316 और 1527 तक पहुंच गया।
मुल्तान के निश्तार अस्पताल में विशेष रूप से दो स्मॉग काउंटर स्थापित किए गए हैं, ताकि धुंध के कारण लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना न पड़े। ओपीडी और आपातकालीन वार्ड में इन काउंटरों के माध्यम से स्मॉग प्रभावित रोगियों का इलाज किया जा रहा है।
लाहौर और अन्य शहरों में भी बढ़ा प्रदूषण स्तर
मुल्तान के अलावा, लाहौर का एक्यूआई भी 1000 के पार दर्ज किया गया, जिससे वहाँ की स्थिति भी गंभीर बनी हुई है। ननकाना साहिब, गुजरांवाला, सियालकोट, फैसलाबाद, चिनिओट और झंग में भी प्रदूषण के चलते पार्क, चिड़ियाघरों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। सरकार ने आदेश जारी कर कहा है कि नियमों का उल्लंघन करने पर पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, राज्य के 18 जिलों में बढ़ते प्रदूषण के कारण पहले से ही स्कूल बंद कर दिए गए हैं।