महाराष्ट्र: साबरमती सेंट्रल जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ने का प्रस्ताव मिला है। यह प्रस्ताव उत्तर भारतीय विकास सेना (UBVS) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील शुक्ला ने दिया है। शुक्ला ने बिश्नोई को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वह आगामी चुनावों में पार्टी की ओर से प्रत्याशी के रूप में खड़े हों। यह जानकारी शुक्ला ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से साझा की।
UBVS, भारतीय निर्वाचन आयोग और महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग में पंजीकृत एक राजनीतिक दल है, जो उत्तर भारतीय समुदाय के अधिकारों के लिए संघर्ष करता है। इस दल ने महाराष्ट्र में चुनाव लड़ने के लिए अब तक चार उम्मीदवारों का चयन कर लिया है। बिश्नोई की सहमति मिलने के बाद, शुक्ला ने 50 और उम्मीदवारों की सूची जारी करने की योजना बनाई है।
शुक्ला ने किया बिश्नोई की तुलना शहीद भगत सिंह से
राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील शुक्ला ने अपने पत्र में बिश्नोई की तुलना शहीद भगत सिंह से की है। उन्होंने लिखा है, “हमें गर्व है कि आप पंजाब में जन्मे एक उत्तर भारतीय हैं, और हम उत्तर भारतीयों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। आपकी भागीदारी से हमारा यह उद्देश्य और सशक्त होगा।” शुक्ला ने यह भी कहा कि उत्तर भारतीय समुदाय को महाराष्ट्र में आरक्षण से वंचित रखा जा रहा है, क्योंकि उनके पूर्वज उत्तर भारतीय थे। इस संदर्भ में उन्होंने भारत की एकता पर सवाल उठाया और कहा कि उत्तर भारतीयों को उनके अधिकारों से वंचित क्यों किया जा रहा है।
शुक्ला ने यह भी दावा किया कि उत्तर भारतीय विकास सेना के कार्यकर्ता यह सुनिश्चित करेंगे कि बिश्नोई चुनाव जीतें और उत्तर भारतीय समाज के हितों की रक्षा करें।
लॉरेंस बिश्नोई का आपराधिक इतिहास
लॉरेंस बिश्नोई का जन्म 1993 में पंजाब के फाजिल्का जिले के दूतरावाली गांव में हुआ था। वह हत्या, जबरन वसूली और अन्य गंभीर आपराधिक मामलों में शामिल रहा है। बिश्नोई 2015 से अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद है। उसका गैंग भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सक्रिय है। बिश्नोई का नाम बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान पर हमले की साजिश से भी जुड़ा हुआ है, जिसे उसके सहयोगी संपत नेहरा ने अंजाम देने की कोशिश की थी। बिश्नोई ने कई बार सलमान खान को जान से मारने की धमकी दी है।
2022 में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का मामला भी बिश्नोई के गिरोह से जुड़ा हुआ है। बिश्नोई के सहयोगी गोल्डी बरार ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली थी। उस समय बिश्नोई तिहाड़ जेल में बंद था।