वायरल वीडियो: आज नवरात्रि का सातवां दिन, यानी सप्तमी, पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। देवी दुर्गा के नौ रूपों में से सप्तमी के दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। पूरे भारत में दुर्गा पूजा के अवसर पर बड़े-बड़े और भव्य पंडालों की सजावट की जाती है, जिनकी सुंदरता और भव्यता लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती है। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर से एक अनोखा और बेहद खास दुर्गा पंडाल का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है। इस पंडाल की खासियत है कि इसे 51 लाख रुपये के नोटों से सजाया गया है।
पंडाल की अनूठी सजावट ने खींचा सबका ध्यान
इस वीडियो में दिखाया गया है कि पंडाल को 10, 20, 50, 100 और 500 रुपये के रंग-बिरंगे नोटों से बेहद खूबसूरती के साथ सजाया गया है, जो देखने में अत्यंत आकर्षक और अद्वितीय लगता है। पंडाल की सजावट और इस अनोखी कला ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। यह वीडियो विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों जैसे इंस्टाग्राम, फेसबुक और एक्स (पूर्व ट्विटर) पर खूब वायरल हो रहा है।
सोशल मीडिया पर हो रहा जमकर वायरल
इस वीडियो को इंस्टाग्राम और फेसबुक पर कई यूजर्स द्वारा शेयर किया गया है। एक्स पर @Gulzar_sahab नामक एक यूजर ने इस वीडियो को 8 अक्टूबर को पोस्ट किया था। अब तक इसे 5,000 से ज्यादा बार देखा जा चुका है। पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया है, “51 लाख रुपये के नोटों से बना हुआ दुर्गा पंडाल”।
वीडियो के वायरल होने के साथ ही लोग इस पर खूब प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। एक यूजर ने कमेंट किया, “दुर्गा मां को यह सब नहीं चाहिए।” वहीं दूसरे ने लिखा, “माता रानी की कृपा है।” एक और यूजर ने लिखा, “यह वही देश है जो 81 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देता है।”
कला और आस्था का संगम
नोटों से सजे इस पंडाल को लेकर लोग जहां इसकी अनूठी कला की तारीफ कर रहे हैं, वहीं यह चर्चा का विषय भी बन गया है कि इतनी बड़ी रकम की सजावट कितनी सही है। आस्था और कला के इस अनोखे संगम पर लोग अपनी-अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं। हालांकि, इस पंडाल की सुंदरता और भव्यता ने हर किसी का दिल जीत लिया है।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग?
स्थानीय लोगों के अनुसार, इस पंडाल की सजावट को लेकर बड़ी संख्या में लोग इसे देखने के लिए आ रहे हैं। वहीं, पूजा समिति के सदस्य भी इस अद्वितीय पंडाल की सजावट से उत्साहित हैं। उनका कहना है कि यह एक विशेष प्रयास था ताकि इस वर्ष की नवरात्रि में कुछ अलग और यादगार बनाया जा सके।