नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 9 अक्टूबर 2024 को एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेएवाई) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत जुलाई 2024 से दिसंबर 2028 तक मुफ्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति जारी रखने को मंजूरी दी। इस फैसले से देशभर में करोड़ों गरीब परिवारों को पोषण युक्त भोजन मिलेगा और कुपोषण की समस्या से निपटने में बड़ी सहायता मिलेगी।
पोषण सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम
केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोषण सुरक्षा के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में देश के नागरिकों को पोषण सुरक्षा का आश्वासन दिया था, और यह योजना उसी दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।
चावल फोर्टिफिकेशन पहल को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत विस्तारित किया गया है, जो भारत सरकार की एनीमिया मुक्त भारत रणनीति का पूरक होगा। यह पहल विशेष रूप से उन समुदायों के लिए लाभकारी साबित होगी जो कुपोषण और एनीमिया जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं।
फोर्टिफाइड चावल: एनीमिया और कुपोषण से लड़ने का साधन
फोर्टिफिकेशन को दुनियाभर में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से निपटने का एक प्रभावी और सुरक्षित उपाय माना जाता है। भारतीय संदर्भ में, चावल को सूक्ष्म पोषक तत्वों के एक आदर्श स्रोत के रूप में देखा जाता है, क्योंकि देश की 65 प्रतिशत आबादी अपने मुख्य भोजन के रूप में चावल का सेवन करती है।
इस योजना के तहत वितरित किए जाने वाले चावल को फोर्टिफाइड किया जाएगा, जिसका अर्थ है कि इसे आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी12 जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से समृद्ध किया जाएगा। चावल फोर्टिफिकेशन में फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (एफआरके) का उपयोग किया जाता है, जिसे नियमित चावल में मिलाकर उपभोक्ताओं को प्रदान किया जाएगा। यह प्रक्रिया भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार की जाती है।
सरकार का 100 प्रतिशत वित्त पोषण
इस योजना का 100 प्रतिशत वित्त पोषण केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा, जिससे यह एक केंद्रीय क्षेत्र की पहल बनी रहेगी। पीएमजीकेएवाई के तहत खाद्य सब्सिडी का लाभ उठाने वाले लाभार्थियों को यह फोर्टिफाइड चावल मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा। इसका उद्देश्य कुपोषण से प्रभावित आबादी को उचित पोषण प्रदान करना और देश में एनीमिया की दर को कम करना है।
चावल फोर्टिफिकेशन: एक दीर्घकालिक समाधान
भारत सरकार का यह निर्णय न केवल पोषण सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल है, बल्कि यह देश को एनीमिया और कुपोषण जैसी गंभीर समस्याओं से लड़ने में भी सक्षम बनाएगा। इससे समाज के कमजोर वर्गों को पोषण युक्त भोजन मिलेगा और उनका शारीरिक और मानसिक विकास सुनिश्चित हो सकेगा।