पिलानी, 14 सितम्बर 2024: पिलानी में शनिवार को जलझूलनी एकादशी पर भगवान श्री कृष्ण के मंदिरों में ठाकुर जी का विशेष शृंगार किया गया और भगवान को डोल में विराजमान कर झांकी निकाली गई। शहर के सभी मन्दिरों से ठाकुर जी की झांकियां सबसे पहले प्राचीन श्री गोपीनाथ मन्दिर पहुंची, जिसके बाद सभी झांकियों को एक साथ जल विहार के लिए बिरला तालाब ले जाया गया। बिरला तालाब मंदिर की चांदी की बनी हुई पालकी की झांकी मुख्य आकर्षण रही।
पिलानी शहर के सभी प्रमुख मन्दिरों के सजे-धजे ठाकुर जी की झांकियां जब एक साथ तालाब के लिए रवाना हुई, तब अलग ही भक्तिमय माहौल नजर आया। डीजे और गाजे-बाजे के साथ झूमते महिला-पुरुष श्रद्धालु भी इस यात्रा में शामिल हुए। बाद में ठाकुर जी को तालाब में विधि विधान के साथ जल विहार करवाया गया। स्नान और पुनः पूजन के उपरांत ठाकुर जी की सभी झांकियां पुनः अपने मन्दिरों में पहुंची, जिसके बाद भगवान को उनके आसन पर विराजमान किया गया। इस दौरान झांकियों के नीचे से निकलने की श्रद्धालुओं में होड़ लगी रही।
श्री गोपीनाथ मन्दिर पुजारी परिवार के गोविन्द पाण्डे ने बताया कि भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जलझूलनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मन्दिरों में ठाकुर जी का विशेष शृंगार किया जाता है और भगवान शालिग्राम जी का पंचामृत अभिषेक कर उनकी आरती की जाती है। पुजारी गोविन्द पाण्डे ने बताया कि धार्मिक मान्यता के अनुसार चतुर्मास के दौरान पाताल लोक में क्षीर सागर में निद्रा में लीन भगवान विष्णु इस दिन करवट बदलते हैं। इसीलिए इस तिथि को परिवर्तिनी एकादशी भी कहा जाता है।
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इन मन्दिरों की झांकियां हुईं शामिल
जल विहार के लिए श्री गोपीनाथ मन्दिर, बिरला हवेली ठाकुर जी मन्दिर ,शेरिया मन्दिर, श्याम मन्दिर, आलोक धाम राधे कृष्ण मन्दिर, हरी राम मन्दिर, भोमिया राधा कृष्ण मन्दिर, गोविन्द जी मन्दिर, विश्वकर्मा मन्दिर, प्राचीन गोपाल जी मन्दिर, लक्ष्मी नारायण जी मंदिर, ठाकुर जी सेन मन्दिर की झांकियां बिरला तालाब पहुंची।