शिमला, हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने का महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मंगलवार को शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन इस संबंध में संशोधन विधेयक पेश किया गया, जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
राज्यपाल की स्वीकृति के बाद बनेगा कानून
विधेयक को अब राज्यपाल की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। राज्यपाल की स्वीकृति मिलने के बाद यह विधेयक कानून का रूप लेगा और इसे हिमाचल प्रदेश में लागू किया जाएगा। वर्तमान में, हिमाचल प्रदेश में लड़कियों की शादी की आयु 18 वर्ष निर्धारित है, जिसे अब तीन वर्ष बढ़ाकर 21 वर्ष कर दिया गया है।
समाज में सकारात्मक बदलाव का प्रयास
इस संशोधन विधेयक को सदन में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री धनीराम शांडिल द्वारा प्रस्तुत किया गया। शांडिल ने कहा, “यह विधेयक राज्य में लड़कियों के लिए शिक्षा और विकास के अधिक अवसर प्रदान करेगा। समाज में अभी भी कुछ लोग कम उम्र में लड़कियों की शादी कर देते हैं, जिससे उनका जीवन और स्वास्थ्य प्रभावित होता है। सरकार का यह कदम लड़कियों के शैक्षिक और व्यावसायिक भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से लिया गया है।”
जल्दी शादी के स्वास्थ्य पर पड़ते हैं गंभीर प्रभाव
विधेयक पेश करते समय शांडिल ने जोर दिया कि कम उम्र में लड़कियों की शादी से उनके स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। छोटी उम्र में मां बनने से न केवल उनका शारीरिक विकास रुकता है, बल्कि मानसिक और सामाजिक विकास भी बाधित होता है। उन्होंने कहा कि इस संशोधन से लड़कियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने और आत्मनिर्भर बनने के लिए अधिक समय मिलेगा।