नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की सुप्रीमो मायावती इन दिनों आरक्षण के मुद्दे पर बेहद आक्रामक रूख अपना रही हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव को देखते हुए, उन्होंने दलित वोट बैंक के सहारे अपनी पार्टी की नैया पार लगाने की रणनीति तैयार कर ली है। इस सिलसिले में मायावती लगातार आरक्षण के मुद्दे को उठाकर केंद्र सरकार को घेर रही हैं।
मायावती का बयान और सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
मायावती ने हाल ही में अपने X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर एक बयान जारी करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त 2024 के निर्णय के बाद भी केंद्र द्वारा आरक्षण के मुद्दे पर कोई ठोस कदम न उठाने पर चिंता जताई। मायावती ने लिखा, “एससी/एसटी आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमीलेयर का नया नियम लागू करने के माननीय सुप्रीम कोर्ट के दिनांक 1 अगस्त 2024 के निर्णय के विरुद्ध जन अपेक्षा के अनुसार पुरानी व्यवस्था बहाल रखने के लिए केंद्र द्वारा अभी तक भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाना यह अति-दुःखद व चिंताजनक है।”
उनका आरोप है कि केंद्र सरकार ने इस विषय में कोई आवश्यक सुधार नहीं किया है, जो भाजपा के एससी/एसटी आरक्षण विरोधी रवैये को उजागर करता है। मायावती ने कहा, “इसको लेकर 21 अगस्त के भारत बंद के बावजूद अगर केंद्र इसमें जरूरी सुधार के लिए गंभीर नहीं तो यह सोचने वाली बात है। पहले मा.कोर्ट में लचर पैरवी और अब उसको लेकर संविधान संशोधन बिल नहीं लाने से साबित है कि बीजेपी का एससी/एसटी आरक्षण विरोधी रवैया पूर्व की तीव्रता के साथ बरकरार है।”
विपक्षी दलों पर भी साधा निशाना
मायावती ने न केवल भाजपा, बल्कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और उनके इण्डी गठबंधन की भी चुप्पी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इन दलों की चुप्पी उतनी ही घातक है और इससे यह स्पष्ट हो गया है कि SC/ST वर्गों के हित और कल्याण के मुद्दे पर दोनों पार्टियां एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। मायावती ने दावा किया कि दलित वर्ग का हित केवल बीएसपी में ही सुरक्षित है, जो अंबेडकरवादी विचारधारा का पालन करती है।
आगामी चुनाव और बीएसपी की रणनीति
लोकसभा चुनाव के बाद सभी प्रमुख राजनीतिक दल हरियाणा विधानसभा चुनाव और यूपी के उपचुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। भाजपा, सपा और कांग्रेस के साथ बीएसपी ने भी उपचुनाव में भाग लेने का एलान किया है और अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है।
इसी संदर्भ में, बीएसपी ने 27 अगस्त को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। मायावती द्वारा बुलाई गई इस बैठक को संगठनात्मक रणनीति के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। इस बैठक में उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए रणनीति बनाई जाएगी।