जयपुर, 19 जुलाई 2024: राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को बजट सत्र के दौरान एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया गया। बीजेपी विधायक शंकर सिंह रावत ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) का नाम बदलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर रखने की मांग की। विधायक रावत ने तर्क दिया कि जब इंदिरा गांधी नहर का नाम रखा जा सकता है, तो नरेंद्र मोदी के नाम पर क्यों नहीं? उनका कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही इस परियोजना को लेकर आए हैं, इसलिए इसका नाम उनके नाम पर रखना चाहिए।
मंत्री का जवाब
विधायक रावत के इस सवाल पर जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने मुस्कुराते हुए कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हालांकि, अजमेर और ब्यावर जिलों को ERCP से जोड़ने की योजना को लेकर पूछे गए सवाल पर मंत्री ने सदन में बताया कि अजमेर शहर के लिए एक बांध का निर्माण किया जा रहा है। इस बांध के एक बार भरने पर अजमेर शहर समेत आसपास के इलाकों की दो साल तक की पानी की जरूरतें पूरी हो सकेंगी।
जब विधायक रावत ने बार-बार मंत्री से नाम बदलने की मांग का जवाब मांगा तो स्पीकर ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि वे सुझाव बाद में दें।
क्या है ईआरसीपी योजना?
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) का उद्देश्य राजस्थान के 21 जिलों में पानी की समस्या को दूर करना है। यह योजना संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना का हिस्सा है। इस परियोजना के तहत भारत सरकार और मध्य प्रदेश के साथ समझौता हुआ है। राजस्थान में भाजपा सरकार बनने के बाद मध्य प्रदेश सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) भी साइन हो चुका है।
इस समझौते के अनुसार, दोनों राज्य पानी को साझा करेंगे और एक दूसरे को पानी पहुंचाएंगे। परियोजना की लागत केंद्र और दोनों राज्य सरकारें मिलकर वहन करेंगी। चंबल बेसिन में जल के प्रबंधन और नियंत्रण की व्यवस्था होगी।
राजस्थान के विधानसभा चुनावों में भी ERCP एक बड़ा चुनावी मुद्दा था। भजनलाल शर्मा ने सरकार बनते ही इस योजना को प्राथमिकता देते हुए महत्वपूर्ण कदम उठाए थे।