Friday, November 22, 2024
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उत्तर कोरिया: मल सुखाओ और जमा करो, हर नागरिक से चाहिए 10 किलो – किम जोंग उन

उत्तर कोरिया: तानाशाह किम जोंग-उन ने अपने नागरिकों को एक नए और कठोर आदेश में शामिल किया है। देश के हर नागरिक को 22 पाउंड (करीब 10 किलो) मानव मल इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है, जिसका उपयोग फसलों के लिए खाद के रूप में किया जाएगा।

आयातित खाद की भारी कमी

उत्तर कोरिया में आयातित खाद की भारी कमी के कारण, किम जोंग-उन की कृषि-प्रथम पहल के तहत यह समर कलेक्शन अभियान शुरू किया गया है। “द सन” की रिपोर्ट के अनुसार, इस बार यह आदेश सर्दी के बजाय गर्मी के मौसम में दिया गया है, जिससे नागरिकों की परेशानी और भी बढ़ गई है।

सड़कों पर मल सुखाने का आदेश

रियांगगांग प्रांत के एक निवासी ने बताया कि लोगों को गर्मी के मौसम में अपने बगीचों में गोबर सुखाने के लिए कहा जा रहा है। नागरिकों की शिकायत है कि इस काम के लिए उन्हें गर्मी के दिनों में भी कठोर परिश्रम करना पड़ रहा है।

आदेश से बचने का तरीका

इस आदेश से बचने के लिए एक विकल्प भी दिया गया है, लेकिन यह विकल्प गरीब लोगों के लिए सुलभ नहीं है। रियांगगांग प्रांत के एक निवासी के अनुसार, इस काम से बचने के लिए 5,000 वॉन (करीब 4.50 पाउंड) का खर्च आएगा। यह कई गरीब स्थानीय लोगों के लिए बड़ी रकम है। उन्होंने आगे कहा, ‘पड़ोस निगरानी इकाई ने मानव मल को सुखाने का आदेश जारी किया है।’

दक्षिण कोरिया में मल से भरे गुब्बारे

यह आदेश ऐसे समय में दिया गया है जब हाल ही में तानाशाह ने सीमा पार दक्षिण कोरिया में मल से भरे गुब्बारे भेजे थे। इस कार्रवाई को लेकर दक्षिण कोरिया में भी काफी निंदा की गई थी।

पहले भी जारी हुए हैं ऐसे आदेश

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह पहली बार नहीं है जब किम जोंग-उन ने इस तरह का आदेश दिया है। इससे पहले भी उन्होंने सर्दी के मौसम में नागरिकों को मानव मल इकट्ठा करने का आदेश दिया था।

किसानों की बढ़ी मुश्किलें

किसानों की बढ़ी हुई मुश्किलें और आयातित खाद की कमी के कारण यह आदेश जारी किया गया है। इससे उत्तर कोरियाई नागरिकों के जीवन में एक और कठिनाई जुड़ गई है।

यह आदेश न केवल नागरिकों के लिए कठिन है, बल्कि यह देश के भीतर बढ़ती आर्थिक समस्याओं और तानाशाही शासन की नीतियों की भी झलक देता है। उत्तर कोरिया के लोग अब इस नए आदेश का पालन करने के लिए मजबूर हैं, जबकि अन्य देशों में ऐसी नीतियों की निंदा की जा रही है।

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