इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश: माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने चित्रकूट में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के तहत एफआईआर को रद्द कर दिया है, जिससे अब्बास अंसारी के जेल से बाहर आने का रास्ता अब और आसान हो जाएगा। वर्तमान में अब्बास अंसारी यूपी की कासगंज जेल में बंद हैं।
हाईकोर्ट का फैसला
हाईकोर्ट ने एफआईआर को रद्द करने के अपने फैसले में कहा है कि अब्बास अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर का केस दर्ज किए जाने के मामले में नियमों का पालन नहीं किया गया। कोर्ट ने अफसरों को गैंगस्टर के मामलों में जल्दबाजी नहीं करने और नियमों का पूरी तरह पालन करने का आदेश दिया है। यह आदेश जस्टिस सिद्धार्थ और जस्टिस सुरेंद्र सिंह की डिवीजन बेंच ने सुनाया।
आरोपियों की याचिकाओं पर अदालत का निर्णय
अदालत ने अब्बास अंसारी के साथ ही आरोपी बनाए गए शाहबाज आलम खान, नवनीत सचान और फराज खान की याचिकाओं को मंजूर करते हुए एफआईआर को रद्द कर दिया। तीनों आरोपियों ने अपनी याचिकाओं में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज एफआईआर को रद्द किए जाने की अपील की थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
केस का इतिहास
अब्बास अंसारी और अन्य चार के खिलाफ इसी साल 29 जनवरी को चित्रकूट जिले के कर्वी पुलिस स्टेशन में गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज किया गया था। कोर्ट ने 25 जनवरी को हुई डीएम और एसपी की बैठक को गलत ठहराया और कहा कि इस कार्रवाई में नियमों का पालन नहीं किया गया था। अब्बास अंसारी के अलावा गाजीपुर के नियाज अंसारी, चित्रकूट के नवनीत सचान, वाराणसी के शाहबाज आलम खान और चित्रकूट के फराज खान के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया था।
अवैध मुलाकात का मामला
अब्बास अंसारी और अन्य के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई पत्नी निकहत अंसारी से चित्रकूट जेल में अवैध तरीके से मुलाकात करते हुए पकड़े जाने के बाद की गई थी। शाहबाज आलम खान के वकील उपेंद्र उपाध्याय ने कोर्ट में दलील दी कि पुलिस ने गलत तरीके से गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।
एफआईआर रद्द होने का फायदा
एफआईआर रद्द होने का फायदा विधायक अब्बास अंसारी को भी मिलेगा, क्योंकि सबसे ऊपर उन्हीं का नाम था। एफआईआर में अब्बास अंसारी को ही गैंग लीडर बताया गया था। इस फैसले के बाद अब्बास अंसारी के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है।